•महिला बंध्याकरण से आसान व सरल है पुरुष नसबंदी: एसीएमओ
•परिवार नियोजन पखवाड़ा में अस्थायी परिवार नियोजन के साधनों का उठाया गया सबसे अधिक लाभ
•जिले में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ मिशन परिवार विकास पखवाड़ा
#MNN@24X7 मधुबनी, 15 दिसंबर । जिले में मिशन परिवार विकास अभियान के तहत पुरुष नसबंदी पखवाड़ा 14 नवंबर से 4 दिसंबर तक मनाया गया। पखवाड़ा दो चरणों में आयोजित किया गया था जिसके तहत 14 नवंबर से 20 नवंबर तक ” दंपत्ति संपर्क सप्ताह” एवं 21 नवंबर से 4 दिसंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया गया जिसके तहत लोगों में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता फैलायी गयी।
जिले में कार्यरत ए.एन.एम. एवं आशा कार्यकर्त्ता ने घर-घर जाकर योग्य दंपतियों को इसकी जानकारी देते हुए उन्हें परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया। इस दौरान इसके उपायों एवं लाभों से अवगत कराते हुए लोगों के बीच परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थायी साधनों की जानकारी एवं इसके उपयोग के बारे में विस्तार से बताया गया। जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर परिवार नियोजन पखवाड़ा सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
अस्थायी परिवार नियोजन के साधनों का उठाया गया सबसे अधिक लाभ:
एसीएमओ डॉ आर के सिंह ने बताया पखवाड़े के दौरान योग्य दंपतियों की खोज एवं परिवार नियोजन के बारे में अभियान चलाकर लोगों को इसके प्रति जागरूक किया गया। जिसका परिणाम यह रहा कि लोगों में जागरूकता आयी और पखवाड़ा के दौरान जिले में चलाये जा रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर इसका लाभ उठाया। इस दौरान जिले में कुल 1157 महिलाओं ने बंध्याकरण कराया। यह शल्य चिकित्सा आधारित एक स्थायी बंध्याकरण की बहुत ही सरल प्रक्रिया है।
बंध्याकरण के अंतर्गत 83 महिलाओं ने पीपीएस (प्रसव पश्चात 7 दिनों के अंदर बंध्याकरण) पीएएस (गर्भपात के उपरांत) 3, बंध्याकरण का लाभ लिया। वहीं 440 महिलाओं ने कॉपर – टी लगाया जिसके अंतर्गत आईयूसीडी (कॉपर टी)- 84 महिलाओं ने, पीपीआईयूसीडी ( प्रसव उपरांत कॉपर टी)- 343 महिला, पीएआईयूसीडी (गर्भपात के उपरांत कॉपर टी) -13, महिलाओं ने अपनाया। उन्होंने कहा अभियान के तहत लोगों में अस्थायी गर्भ निरोधक के साधनों जैसे आईयूसीडी, पीपी आईयूसीडी, अंतरा सुई, छाया गोलियां, इसी आदि के उपयोग पर काफी बल दिया गया। सरकार द्वारा भी इसके प्रचार-प्रसार बड़े पैमाने पर किये जाना का परिणाम अच्छा देखने को मिला।
सभी प्रकार परिवार नियोजन के साधनों का लाभ पुरुषों सहित महिलाओं ने लिया:
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने बताया ने बताया जिले में आयोजित इस परिवार नियोजन पखवाड़ा में 7 पुरुषों ने परिवार नियोजन नसबंदी का लाभ उठाया। 348 महिलाओं नें अंतरा सुई लगवाई। इसके द्वारा वे अगले तीन महिनों तक गभर्धारण नहीं कर सकेंगी। इस सुई का विकास खासकर दूध पिला रही माताओं के लिए किया गया ताकि वे जल्द ही गर्भधारण करने से बचें और अपने बच्चों को दूध भी पिला सकें। 4,848 महिलाओं द्वारा छाया गोलियों का लाभ लिया गया। गर्भनिरोधक छाया गोलियों का उपयोग तीन माह तक सप्ताह में दो बार एवं उसके बाद सप्ताह में केवल एक बार लेना होता है।जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त वितरित की जाती है। एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान महिलाओं द्वारा मांग किये जाने पर उन्हें यह उपलब्ध भी कराया जाता है। जिले में आयोजित पखवाड़े में महिलाओं द्वारा आकस्मिक गर्भ निरोधक गोलियाँ ईसी का भी लाभ लेते पाया गया जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण रहा। 2,480 महिलाओं ने आकस्मिक गर्भ निरोधक गोलियों ईसी का लाभ उठाया। वहीं 5,626 महिलाओं द्वारा परिवार नियोजन के लिए माला-एन का लाभ तथा 42,529 कंडोम का वितरण किया गया।