6 से 8 नवम्बर तक तीन दिवसीय कार्यक्रम का ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय परिसर स्थित डॉ नागेन्द्र झा स्टेडियम में किया जायेगा आयोजन।

शिरकत करेंगी अनेक महत्वपूर्ण हस्तियां।

लगातार तीन दिनों तक बहेगी साहित्य, संगीत व कला की त्रिवेणी।

#MNN@24X7 दरभंगा। कवि कोकिल विद्यापति के निर्वाण दिवस पर विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान आगामी 6, 7 एवं 8 नवम्बर को होने वाले तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व के स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह की विधिवत शुरुआत 6 नवम्बर को प्रातः बेला में होगी। उस दिन विद्यापति चौक स्थित महाकवि विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण होगा। इसके उपरांत मिथिला के पारंपरिक परिधान में शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभा-यात्रा प्रभारी विनोद कुमार झा एवं विजयकांत इसकी तैयारी को अंतिम रूप देने में लगे हैं। यह जानकारी विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने शनिवार को एमएमटीएम कालेज के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।

उन्होंने बताया कि इस बार तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय परिसर स्थित डॉ नागेन्द्र झा स्टेडियम में किया जायेगा। जबकि इस ऐतिहासिक आयोजन का उद्घाटन करने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अनेक केन्द्रीय मंत्री सहित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को आमंत्रित किया गया है।

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कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर, बिहार सरकार के काबीना मंत्री संजय झा, विजय कुमार चौधरी, डॉ चन्द्रशेखर, पूर्व मंत्री जीवेश मिश्र व डॉ. राम प्रीत पासवान, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्मश्री डॉ. सीपी ठाकुर एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा, लोकसभा सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर, डॉ. अशोक कुमार यादव, राज्य सभा सांसद विवेक ठाकुर, नगर विधायक संजय सरावगी, बेनीपुर विधायक डॉ विनय कुमार चौधरी, केवटी विधायक मुरारी मोहन झा, पूर्व विधान पार्षद डॉ. दिलीप कुमार चौधरी एवं डॉ. विनोद कुमार चौधरी, डॉ मिश्री लाल यादव आदि ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है।

डॉ बैजू ने बताया कि समारोह के पहले दिन के कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के आधार पर मिथिला विभूति सम्मान के लिए चयनित कुल 27 मिथिलावासी एवं प्रवासी मैथिल को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस सम्मान के लिए संस्थान की ओर से मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा, वरिष्ठ कवि एवं दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ अशोक कुमार मेहता, एमएलएसएम कालेज के मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ उषा चौधरी एवं वरिष्ठ साहित्यकार डा महेंद्र नारायण राम की चार सदस्यीय चयन समिति की अनुशंसा के आलोक में मैथिली, हिन्दी, संस्कृत भाषा-साहित्य, मिथिला की धरोहर कला, पत्रकारिता, गायन, संस्थागत, चिकित्सा सेवा एवं समाज सेवा सहित शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को मिथिला विभूति सम्मान से नवाजा जाएगा।

समारोह के दूसरे दिन ‘मिथिला राज्यक औचित्य’ विषयक राष्ट्रीय सेमिनार एवं भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया एगा। सेमिनार संयोजक मणिकांत झा ने बताया कि सेमिनार के लिए प्रस्तावित विषय पर तीन दर्जन से अधिक आलेख प्राप्त हुए हैं, जिन्हें पुस्तक आकार में प्रकाशित किए जाने का कार्य अंतिम चरण में है और समारोह के दूसरे दिन आयोजित कार्यक्रम में इस पुस्तक का लोकार्पण किया जाएगा। आयोजन समिति के मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने बताया कि समारोह के दूसरे दिन संध्या बेला में आयोजित कवि गोष्ठी में विद्यापति सेवा संस्थान की मुख पत्रिका ‘अर्पण’ के स्वर्ण जयंती वर्ष विशेषांक का लोकार्पण किया जाएगा। जबकि डॉ अशोक कुमार मेहता के संयोजन में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से मैथिली के स्वनामधन्य कवि एवं कवियित्री शिरकत करेंगे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के संयोजक पं. कमलाकांत झा ने बताया कि इस बार समारोह के पहले एवं तीसरे दिन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जाएगा। । रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में रंजना झा, डा ममता ठाकुर, पूनम मिश्रा, जूली झा, पं कुंज बिहारी मिश्र, राम बाबू झा, माधव राय, विकास झा, ओमप्रकाश सिंह, कृष्ण कुमार कन्हैया, दुखी राम रसिया, दीपक कुमार झा, नीरज कुमार झा, केदारनाथ कुमर, सुषमा झा, अनुपमा झा, खुशबू मिश्रा, मशहूर शंखवादक विपिन मिश्र, नटराज डांस एकेडमी, सृष्टि फाउंडेशन एवं धरोहर सांस्कृतिक मंच आदि की प्रस्तुति आकर्षण के केन्द्र में रहेगी।

मौके पर डॉ बैजू ने बताया कि सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संरक्षण एवं संवर्धन के लिए उपयुक्त माहौल तैयार करने के साथ ही मिथिला की गौरवशाली विरासत से नई पीढ़ी को रूबरू कराने के उद्देश्य से इस वर्ष मिथिला पेंटिंग व व्यंजन प्रदर्शनी के साथ ही साहित्य अकादमी, दिल्ली व मैथिली अकादमी, पटना के सौजन्य से आकर्षक पुस्तक मेला का आयोजन तीनों दिन किया जाएगा। जबकि इस अवसर पर डा दुर्गानाथ झा श्रीश की लिखी पुस्तक ‘मैथिली साहित्यक इतिहास’ के पुनर्प्रकाशन के साथ ही रमानंद रेणु की अप्रकाशित धरोहर पांडुलिपि का प्रकाशन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह में विगत पचास साल के दौरान संस्थान के मंच से कविता पढ़ने वाले 51 कवियों की प्रतिनिधि कविताओं का संग्रह भी प्रकाशित किया जाएगा।

स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह की सांस्कृतिक एवं सलाहकार समिति के अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने बताया कि इस ऐतिहासिक आयोजन में नई पीढ़ी के कलाकारों एवं कवियों को अधिक अवसर प्रदान किए जाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। विनोद कुमार झा ने शोभायात्रा की चल रही तैयारी के बारे में अवगत कराया। आशीष चौधरी ने कार्यक्रम से युवाओं को सीधे जोड़़ने के लिए उनके संयोजन में चल रही तैयारियों की जानकारी दी। मणिभूषण राजू ने अंतरराष्ट्रीय मिथिला पेंटिंग प्रतियोगिता के बारे में विस्तार से बताया।

बैठक में डॉ उदय कांत मिश्र, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाई, चौधरी वैद्यनाथ राय, बासुकी नाथ झा, चंद्र मोहन झा, दुर्गानंद झा, नवल किशोर झा, डा राम सुदिष्ट चौधरी, जितेंद्र कुमार झा, आयुष आनंद आदि ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार रखे।