*सी एम कॉलेज, दरभंगा में प्रधानाचार्य डॉ अनिल कुमार मंडल की अध्यक्षता में शोकसभा आयोजित*

*महाविद्यालय- राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक प्रो हरिश्चंद्र साहनी का दरभंगा में हुआ आकस्मिक निधन*

*प्रो हरिश्चंद्र सहनी का निधन महाविद्यालय के साथ ही शैक्षणिक व सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति- डॉ अनिल कुमार*

*एक आदर्श एवं प्रेरक शिक्षक के रूप में प्रो साहनी महाविद्यालय परिवार द्वारा सदा याद किए जाएंगे- डा चौरसिया*

*दिवंगत आत्मा की परम शांति के लिए उपस्थित सदस्यों द्वारा रखा गया 2 मिनट का सामूहिक मौन*

दरभंगा। सी एम कॉलेज, दरभंगा के राजनीति विज्ञान के पूर्व प्राध्यापक प्रो हरिश्चन्द्र साहनी का आकस्मिक निधन कल पूर्वाह्न उनके सुंदरपुर, दरभंगा स्थित आवास पर हो गया। इसकी सूचना प्लस टू राज हाई स्कूल, दरभंगा में शिक्षक रूप में कार्यरत उनके पुत्र डॉ प्रेम कुमार निषाद ने प्रधानाचार्य डा अनिल कुमार मंडल एवं प्रधान सहायक विपिन कुमार सिंह को दी।

आज महाविद्यालय में प्रधानाचार्य डा अनिल कुमार मंडल की अध्यक्षता में अपराह्न काल में शोकसभा आयोजित की गई, जिसमें संस्कृत विभागाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया, लेखापाल सृष्टि चौधरी, स्टेनो बिंदेश्वर यादव, बड़ा बाबू विपिन कुमार सिंह, डॉ चंदा कुमारी, डा वीरेंद्र कुमार झा, डा शिशिर कुमार झा, डॉ रामबाबू चौपाल, प्रतुल, कमलेश, अंकित, निधि, राजेंद्र, सहेला, अशोक, सुभान, राजाराम, सनोज व अमरजीत कुमार सहित अनेक शिक्षकेतर कर्मी एवं छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।

ज्ञातव्य है कि प्रोफेसर साहनी सी एम कॉलेज में 1992 से 2008 के दिसंबर में अपने अवकाश ग्रहण तक सी एम कॉलेज में राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक के रूप में कार्यरत रहे। वे 2000 ईस्वी में द्वितीय विश्व दलित साहित्यकार सम्मेलन में भाग लेते हुए ऑस्टन यूनिवर्सिटी बर्मिंघम, लंदन के चीफ पैट्रोन डेविड वेव से ताम्र प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया था।

प्रधानाचार्य डा अनिल कुमार मंडल ने अपने संबोधन में कहा कि एक सफल शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए डॉ साहनी ने छात्रों के बीच अपनी लोकप्रियता बनाया था। उनके कार्यों एवं व्यावहारों को महाविद्यालय सदा याद रखेगा। प्रधानाचार्य ने कहा कि प्रोफेसर साहनी का निधन महाविद्यालय के साथ ही शैक्षणिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है।

डॉ चौरसिया ने बताया कि वे छात्र- छात्राओं के प्रेरक थे, जिन्होंने अवकाश ग्रहण के बाद भी कई पुस्तकों की रचना की तथा अनेक कॉन्फ्रेंसों का आयोजन भी कराया। प्रोफेसर साहनी ने जुब्बा सहनी शोध संस्थान के अध्यक्ष के रूप में भी अनेक अध्ययन-अध्यापन, शोध कार्य एवं सेमिनारों का आयोजन करवाया था। उन्होंने कहा कि एक एवं प्रेरक शिक्षक के रूप में प्रोफेसर साहनी महाविद्यालय परिवार द्वारा सदा याद किए जाएंगे।

महाविद्यालय के स्टेनो बिंदेश्वर यादव ने बताया कि 31 दिसंबर, 2008 को अवकाश प्राप्त हुए डॉ सहनी की सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं।

इस अवसर पर शोकसभा में शामिल सदस्यों ने 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परम शांति की कामना की तथा शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।