#MNN@24X7 पटना, पटना हाईकोर्ट ने राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा में गलत प्रश्नों के मामले पर सुनवाई की। जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा ने प्रकाश चंद्र मिश्र व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को एक्सपर्ट कमिटी का रिपोर्ट देने को कहा था। साथ ही एक हलफ़नामा दायर कर फिजिक्स विषय के उत्तरों के विकल्पों के सम्बन्ध में जानकारी देने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ताओं का कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता रितिका रानी ने बताया कि राज्य में शिक्षकों की बहाली के लिए बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गयी थी। फिजिक्स विषय की परीक्षा 18 अक्टूबर, 2020 को ली गयी थी। इसमें समान्य ज्ञान की प्रश्न संख्या 9, 13,16 और 47 व फिजिक्स की प्रश्न संख्या 59 में उत्तरों के गलत विकल्प दिये गये थे। फिजिक्स विषय के उत्तरों का विकल्प बीडी कालेज, पटना के फिजिक्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा.हरिंशु मीरन सिंह, बीएड कालेज, पटना के फिजिक्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा.पी के वर्मा, मगध विश्वाविद्यालय के शिक्षा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा.संजीव कुमार पाण्डेय और बीएनएमयू, मधेपुरा के शिक्षा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा.बुद्ध प्रिय ने तैयार किया था।
अधिवक्ता रितिका रानी ने बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पहली बार स्वीकार किया है कि एक्सपर्ट कमिटी ने उत्तरों के गलत विकल्प बनाये। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इन एसोसिएट प्रोफेसरों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी, जिन्होंने गलत उत्तर विकल्प के रूप में दिये।
अधिवक्ता रितिका रानी ने इन याचिकाओं में गलत उत्तर विकल्पों को एक्सपर्ट कमिटी को सौंपने की मांग की थी। साथ ही उत्तरों के गलत विकल्पों के लिए पांच अंक दे कर योग्यता सूची बनाये जाने की मांग की थी। जब इन गलत उत्तरों के विकल्पों को एक्सपर्ट कमिटी को भेजा गया। इसमें ये पाया गया कि ये आरोप सही हैं। इसके बाद बड़े एक्सपर्ट कमिटी को इसके जांच का जिम्मा दिया गया। इस कमिटी ने पाया कि राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा के फिजिक्स विषय में उत्तरों के विकल्प गलत थे। इसके बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने उन प्रोफेसरों को 16 सितम्बर,2023को कारण बताओं नोटिस जारी किया,जिन्होंने गलत उत्तरों के विकल्प बनाये थे।
कोर्ट को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बताया कि राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद पुनर्मूल्यांकन करा कर नये सिरे से 2019 के राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा के परिणाम प्रकाशित किये जाएंगे।साथ ही इसके लिए जिम्मेदार प्रोफेसरों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इस मामलें पर दुर्गा पूजा अवकाश के दो सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी।