दरभंगा। राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए बनाए गए नियमों की समीक्षा की जानी चाहिए। यहां चार पहिया वाहन होने पर किसी परिवार को समृद्ध मान लिया गया है। जबकि कई लोग चार पहिया वाहन से अपना घर परिवार चलाते हैं। वह वाहन के स्वयं चालक भी होते हैं ऐसे लोगों का राशन बंद करना ठीक नहीं है।

यह आंकड़ा सरकार से छुपा हुआ नहीं है कि छोटी से लेकर बड़ी गाड़ियों के मालिकों में से एक बड़ी संख्या उन चालकों का है। जो पहले ड्राइवर की नौकरी कर रहे थे। ऐसे लोगों की पारिवारिक और आर्थिक स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। इसलिए विभाग को इस पर विचार करना चाहिए। हालांकि गलत तरीके से राशन उठाने वालों के नाम को भी कार्ड से रद्द कर देना चाहिए।

प्रवीण कुमार झा ने कहा कि राशन कार्ड रद्द कर सरकार गरीबों को परेशान करना चाहती है बिना जांच किए भारी संख्या में राशन कार्ड धारकों का नाम काटना वह कार्ड को रद्द करना सरकार की गलत वो गरीब विरोधी नीतियों को दर्शाता है दरभंगा जैसे पिछड़े एवं गरीब जिलों में एकाएक लगभग 1 लाख 8 हजार 983 राशन कार्ड रद्द का मतलब लगभग 5 लाख 44 हजार लोगों को सरकारी एवं सस्ते राशन से वंचित किया जाना है।

उन्होंने कहा सरकार जिन जिन शर्तों पर राशन कार्ड रद्द कर रही है वह गलत है अभी भी भारी संख्या में गरीब दलित महादलित पिछले अति पिछड़े वर्ग के लोग राशन कार्ड से वंचित हैं ऐसे में राशन कार्ड धारकों का कार्ड रद्द करना अन्याय है सरकार द्वारा तय शर्तो के आधार पर प्राय राशन कार्ड धारकों का कार्ड रद्द हो जाएगी।

उन्होंने कहा बिहार में खासकर दरभंगा जिला का राशन कार्ड धारी दिल्ली मुंबई पंजाब कोलकाता एवं देश के अन्य हिस्सों में मेहनत मजदूरी कर गुजर-बसर करते हैं ग्रामीण क्षेत्र में 90% से अधिक लोगों के पास 1 एकड़ से भी कम जमीन बाकी बचे 10% लोगों के पास रहने के लिए 1 धुर जमीन नहीं है फिर भी राशन कार्ड रद्द करना अनुचित है