राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का वर्चुअली का किया शुभारंभ
वैश्विक लक्ष्य से पूर्व 2025 तक टीबी को भारत में किया जायेगा समाप्त
यक्ष्मा मित्र अभियान से जुड़कर की टीबी रोगियों के मदद की अपील
दरभंगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का वर्चुअली शुभारंभ किया. इसका उद्देश्य देश से 2025 तक क्षय रोग (टीबी) का उन्मूलन करना है. राष्ट्रपति के इस वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन में सीएस डॉ अनिल कुमार सिन्हा व सीडीओ डॉ अशोक कुमार सिंह जुड़े. इसके तहत राष्ट्रपति ने भारत में टीबी उन्मूलन को लेकर चर्चा की. उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ की ओर से पूरे विश्व में 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच साल पहले ही भारत में इसके संपूर्ण रूप से उन्मूलन को लेकर अभियान चलाने को कहा है, ताकि भारत पांच साल पहले ही टीबी से मुक्त हो जाय. बताया कि इसके लिये सभी टीबी मरीजों की जांच व दवा वितरण पर ध्यान दिया जाय. इसके लिये संपूर्ण समर्पण की जरूरत होगी. कहा कि टीबी जांच के लिये बाहर से कई मशीन मंगायी गयी, ताकि सही से मरीजों की जांच व उसका उपचार किया जा सके. बैठक के दौरान राष्ट्रपति ने टीबी उन्मूलन के लिये सामूहिक सहभागिता की बात कही. लोगों को यक्ष्मा मित्र अभियान के तहत जुड़कर टीबी रोगियों को पोषण, रोजगार, चिकित्सा के लिये मदद करने की अपील की.
टीबी उन्मूलन के लिए चल रहा अभियान
जिला यक्ष्मा अधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2025 तक देश को टीबी रोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए जिले में जिला यक्ष्मा केंद्र का टीबी के खिलाफ मजबूती से अभियान चल रहा है. इसके लिए सदर अस्पताल से लेकर अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर शिविर लगाकर लोगों की नियमित जांच की जा रही है. ईंट- भट्ठों, झुग्गी झोपड़ियों, धूल- मिट्टी से भरे कार्य स्थलों पर भी समय- समय पर जांच शिविर भी लगाया जा रहा है. अगर जांच में टीबी रोग के लक्षण मिलते हैं, तो उनका इलाज शुरु किया जाता है. उसकी पूरी जानकारी निक्षय पोर्टल पर भी दी जाती है.
आम लोग भी करें सहयोग
डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि जिले में टीबी की विश्वसनीय जांच व सम्पूर्ण इलाज की सुविधा उपलब्ध है. इसलिए जैसे ही किसी को टीबी के लक्षण दिखे, न घबराएं व लजाएं. सीधे निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पर जाएं और डॉक्टर से सलाह व मुफ्त में दवा लेकर इसका सेवन शुरू कर दें. अधिक से अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानें और अपने आसपास रहने वाले लोगों में यदि कोई लक्षण दिखे तो जांच के लिए प्रेरित करें. इससे अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी. बताया कि टीबी उन्मूलन के लिए आम लोगों का सहयोग आवश्यक है.
टीबी के लक्षण
डॉ सिंह ने बताया कि टीबी होने पर मरीजों में दो हफ़्ते या अधिक समय तक खांसी आना, पहले सूखी खांसी तथा बाद में बलगम के साथ खून का आना, रात में पसीना आना; चाहे मौसम ठंड का क्यों न हो, लगातार बुखार रहना, थकावट होना और सांस लेने में परेशानी होना, वजन घटना आदि लक्षण दिखते हैं. ऐसा होने पर तुरंत जांच करने की आवश्यकता है.
टीबी होने पर करें ये काम
सीडीओ के अनुसार जांच के बाद टीबी रोग की पुष्टि होने पर दवा का पूरा कोर्स लें. मास्क पहनें तथा खांसने या छींकने पर मुंह को पेपर नैपकिन से कवर करें. मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूकें. मरीज हवादार और अच्छी रोशनी वाले कमरे में रहें. एसी से परहेज करें. पौष्टिक खाना खाएं. योगाभ्यास करें. बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तम्बाकू, शराब आदि से परहेज करें. भीड़भाड़ वाली गंदी जगहों पर जानें से बचें.