*’मिथिला में लघु उद्योग एवं श्रम विकास : मुद्दे व चुनौतियां’ विषयक कार्यक्रम में विभिन्न जिलों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों की हुई सहभागिता*
*कामेश्वर चौपाल, कुशेश्वर चौपाल, डा सत्नारायण पासवान, डा चौरसिया, शिवजी चौपाल, डा मयंक श्रीवास्तव, डा रामबाबू चौपाल आदि ने रखे विचार*
*प्राचीन काल से ही अति समृद्ध मिथिला में लघु उद्योगों एवं श्रम विकास की है असीम संभावनाएं- कामेश्वर चौपाल*
*समारोह में शिक्षाविद्, प्रशासक, राजनीतिक, सामाजिक व व्यावसायिक आदि व्यक्तियों का संस्था द्वारा किया गया सम्मानित*
*शिक्षण- प्रशिक्षण, जन जागरूकता एवं मेहनत व योग्यता के बल पर ही होगा चौपाल समाज का विकास – डा चौरसिया*
*बुनकरों को सरकार द्वारा प्रदत अनेकानेक सुविधाओं का लाभ उठाकर चौपाल समाज प्रगति पथ पर आगे बढ़े- शिवजी चौपाल*
सी एम कॉलेज, दरभंगा के सेमिनार हॉल में राष्ट्रीय मानव सेवा संस्थान तथा समाजशास्त्र विभाग, सी एम कॉलेज, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में “मिथिला के लघु उद्योग (बुनकर) एवं श्रम विकास : मुद्दे एवं चुनौतियां” विषयक राष्ट्रीय सेमिनार सह सम्मान समारोह में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि प्राचीन काल से ही मिथिला अति समृद्ध रही है, जहां आज लघु उद्योगों एवं श्रम विकास की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। लोग कम पूंजी में घर में ही छोटे-छोटे कुटीर एवं लघु उद्योग प्रारंभ करें।
मुख्य वक्ता के रूप में अवकाश प्राप्त आईएएस शिवजी चौपाल ने कहा कि डा अंबेडकर हमारे प्रेरणा स्रोत हैं, जिन्होंने हमें निरंतर कर्म एवं कठिन संघर्ष की सीख दी। उन्होंने आह्वान किया कि चौपाल जाति को बुनकरों के उत्थान हेतु सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का लाभ उठाकर प्रगति पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।
अध्यक्षीय संबोधन में सी एम कॉलेज के बर्सर एवं इग्नू समन्वयक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि शिक्षण- प्रशिक्षण, जन जागरूकता एवं मेहनत व योग्यता के बल पर ही चौपाल समाज का कायाकल्प संभव है। आज समाज में कुशल, चरित्रवान एवं समाजसेवी युवाओं की जरूरत है। उन्होंने अपनी ओर से छात्रावास निर्माण, युवाओं के कैरियर काउंसलिंग, शिक्षण- प्रशिक्षण तथा विविध जागरूकता कार्यक्रम चलाने में हर संभव मदद की पेशकश की।
समारोह में राष्ट्रीय मानव शोध संस्थान, दरभंगा के द्वारा शिक्षाविद्, प्रशासक, जनप्रतिनिधि, विधिवेत्ता, चिकित्सा, राजनीतिक, सामाजिक व व्यावसायिक आदि क्षेत्रों से जुड़े चौपाल समाज के सफल व्यक्तियों का सम्मान किया गया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में आरसीएस कॉलेज, मंझौल के प्रधानाचार्य डा सत्यनारायण पासवान ने कहा कि बुनकर समाज में ताँती, पान एवं चौपाल आदि जातियाँ आती हैं, जिन्होंने राष्ट्र के लिए काफी त्याग किया है। समाज शिक्षा, न्याय और सम्मान के साथ आगे बढ़े। विशिष्ट वक्ता के रूप में झारखंड सरकार में लेखा पदाधिकारी कुशेश्वर चौपाल ने कहा कि बुनकर समाज लोगों को आदिकाल से ही तन ढकने के लिए वस्त्र उपलब्ध कराकर प्रतिष्ठा देने का काम किया है। आज सिर्फ सैद्धांतिक शिक्षा से नहीं, बल्कि तकनीकी शिक्षा से ही हमारा समाज आगे बढ़ सकता है। उन्होंने लोगों से शिक्षित, संगठित एवं मेहनत के बल पर लघु उद्योगों की स्थापना करने पर बल दिया।
विभिन्न जिलों से आए हुए अतिथियों एवं श्रोताओं द्वारा डॉ अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। संस्था के अध्यक्ष रामबाबू चौपाल तथा सचिव प्रमोद कुमार द्वारा आगत अतिथियों का स्वागत फूल- माला तथा मोमेंटो से किया गया, जबकि नवनिर्वाचित मुखिया अजीत कुमार चौपाल द्वारा अतिथियों का स्वागत पाग- चादर से किया गया। समारोह दो सत्रों में पूरे दिन संचालित हुआ। स्वागत गान वीरेंद्र कुमार चौपाल ने प्रस्तुत किया, जबकि अतिथियों का स्वागत सीएम कॉलेज के समाजशास्त्र- प्राध्यापक एवं परीक्षा नियंत्रक डा मयंक श्रीवास्तव तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्था के सचिव प्रमोद कुमार ने किया।