#MNN@24X7 दरभंगा, किलकारी में 22 दिवसीय कार्यक्रम में कुल 29 सृजनात्मक गतिविधियों को 14 बाह्य विशेषज्ञ और 14 प्रशिक्षकों के सहयोग से कुल 350 बच्चों की सहभागिता के फलस्वरूप रिमझिम समर कैंप 2023 का समापन रिमझिम बारिश के बीच रंग बिरंगी रोशनी के साथ बच्चों की आकर्षक मंचीय प्रस्तुति तथा प्रदर्शनी के साथ संपन्न हुआ।
दिनांक 27 जून 2023 को 22 दिवसीय रिमझिम समर कैंप 2023 का समापन कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि समर बहादुर सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी, शिक्षा विभाग, दरभंगा, नेहा नूपुर, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, दरभंगा, एवं गरिमामयी उपस्थिति डॉ. लावण्य कीर्ति सिंह “काव्या” डीन, संगीत एवं नाट्य विभाग, ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी, दरभंगा, अजीत मिश्रा, सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड, दरभंगा, डॉ.ए.एन.जयसवाल, शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ, दरभंगा के साथ किलकारी, दरभंगा के प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक प्रणव भारती, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी स्नेहा रानी, लेखा पदाधिकारी आनंद किशोर, सभी विधा विशेषज्ञ तथा बच्चों ने सामूहिक रुप से दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्दघाटन किया।
इसके पश्चात संस्कृत में विद्यापति मंगलाचरण गीत तथा स्वागत गीत की प्रस्तुती संगीत के बच्चों ने दी। तत्पश्चात प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक प्रणव भारती ने अतिथियों को स्वागत भाषण से संबोधित करते हुए बहुमूल्य समय देने के लिए आभार व्यक्त किऐ तथा स्थानीय कला संस्कृति संरक्षण की संकल्पना लिए किलकारी के कार्यों को बताते हुए जीवन में सांस्कृतिक पहचान के महत्व के प्रति और भी जागरूक होने का निवेदन किया। अच्छन ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
समर बहादुर सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि “बच्चों के अवकाश में विकास का कार्य जो किलकारी पुर्णतः निःशुल्क कर रही है और निरंतर करने के लिए तत्पर रहती है, इसलिए हम सभी तहे दिल से इसकी सराहना करते हैं, और हमेशा सहयोग के लिए तत्पर हैं।”
रिमझिम समर कैंप का मुख्य आकर्षण मिथिला संस्कृति के माध्यम से नृत्य शैली को ओडिसी नृत्य के तालमेल से दर्शाते हुए कला संस्कृति के महत्व को बताना तथा दूसरी ओर संस्कृत में विद्यापति गीत का बोल बाला रहा, चित्रकारी ने रंग बिरंगी परंपराओं को संजोया, वहीं मिथिलांचल की मिट्टी से बनी सांस्कृतिक आकृति को मूर्ति के रूप में देखने को मिला। “मैं बिहार हूं” नाटक ने दर्शकों को भाव विभोर किया।
कुल 17 मनोरंजक खेल के साथ कुल 29 सृजनात्मक गतिविधियों को 14 बाह्य विशेषज्ञ और 14 प्रशिक्षकों के सहयोग से कुल 350 बच्चों की सहभागिता के फलस्वरूप रिमझिम समर कैंप का समापन हुआ।
कार्यक्रम की मंचीय प्रस्तुती में मंगलाचरण गीत, उठो उठो छोटी चिड़िया गीत, वेस्टर्न डांस(मेसअप), लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत, सामा चकेवा, मगही गीत, कजरी, ध्रुपद गायन, सोहर, कराटे में वुशु, सेल्फ डिफेंस, सिलम्बम इत्यादि कला की प्रमुखता रही।
कार्यक्रम के कला प्रदर्शनी में पेपर क्राफ्ट, लघु चित्र कथा मूर्तिकला, हस्त निर्मित वस्तुएं मिथिला पेंटिंग, फाइन आर्ट, कला प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण रहा।बच्चों द्वारा निर्मित एक से बढ़कर एक पारंपरिक खेल खिलौने, फ्यूजन आर्ट में विभिन्न प्रांतों के कलाओं का समावेश कर विभिन्न आकर्षक चित्रकारी आकर्षण का केंद्र रहा।
विशेषज्ञ सीताराम सर के पर्यवेक्षण में मात्र छः दिनों मेंबच्चों ने एक से बढ़कर एक स्वरचित लघु चित्र कथातैयार किये। विशेषज्ञ सुभाष कुमार के देखरेख में बनाए गए मिट्टी से गणपति फूलदान, किलकारी मोनोग्राम, म्यूरल आर्ट आदि लोगों को प्रभावित किये।
मंचीय प्रस्तुति और कला प्रदर्शनी को देखने तथा सुनने के बाद उपस्थित अतिथि तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने बच्चों के सृजनात्मकता की प्रशंसा की साथ ही बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की ।
आनंद किशोर ने समापन के अंतिम क्षणों में सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किए साथ ही सभी किलकारी कर्मी एवं प्रशिक्षक रौशन कुमार, श्रीकांत कुमार, अनिता देवी,रीना देवी, वीरेंद्र कुमार, राम बाबू कुमार, राम उदगार पासवान , मुकेश पासवान, वेद प्रकाश राम, रमन कुमार सिंह, संगीत मल्लिक, संगीत पाठक, काजल कुमारी, चांदनी कुमारी, राधा कुमारी, रेशमी कुमारी, सुधांशु कुमार रवि, अंशु कुमारी तथा बाह्य विशेषज्ञ पूजा कुमारी, मनीष कुमार, सीताराम सर, पल्लवी अग्रवाल, वर्षा कुमारी, पार्वती कुमारी, शिवानी झा, रजनीकांत शुक्ल, रंजीत कुमार, सुभाष कुमार, मनोज कुमार, दीपक कुमार,सुरक्षाकर्मी, अभिभावक, वोलेंटियर बच्चे, सहभागी बच्चे, सभी विशेषज्ञ का धन्यवाद ज्ञापन किए। सभी के अथक प्रयास से 22 दिवसीय रिमझिम समर कैंप 2023 का समापन रिमझिम बारिश के बीच उपस्थित लोगों बीच सम्पन्न हुए। वाजिदपुर स्लम तथा बॉल केंद्र, बीरा के बच्चे भी शामिल हुए।