तीन मरीजों को सामान्य होने पर किया गया डिस्चार्ज
डेंगू वार्ड में 18 मरीजों का चल रहा उपचार
आईजीएम किट से ही डेंगू के मरीज की पुष्टि- डीएमओ डॉ जेपी महतो
#MNN@24X7 दरभंगा. 18 अक्तूबर. बारिश के मौसम के बाद डेंगू का मामला बढ़ रहा है. विगत दों दिनों में डीएमसीएच के डेंगू वार्ड में 10 नये मरीज भर्ती किये गये हैं. बीते रविवार को दो व अगले दिन सोमवार को आठ मरीजों को वार्ड में शिफ्ट किया गया है. वहीं तीन मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है. वर्तमान में डेंगू वार्ड में 18 मरीज उपचाराधीन हैं. नये मरीजों में दरभंगा के तीन मरीज शामिल हैं. अन्य मरीज मधुबनी व सुपौल जिला से लाकर भर्ती किये गये हैं. चिकित्सकों के अनुसार सभी मरीज खतरे से बाहर हैँ. अगले कुछ दिनों में उपचाराधीन मरीजों को सामान्य स्थिति होने पर घर भेज दिया जायेगा.
डेंगू निरोधात्मक उपाय के तहत किया जा रहा फागिंग
डेंगू के बढ़ते मरीजों को देखते हुये विभाग की ओर से डीएमसीएच व मरीजों के घर में डेंगू से बचाव के लिये फागिंग का कार्य प्रारंभ किया गया है. अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा के निर्देश से अस्पताल परिसर में तीनो पालियों में यह कार्य प्रारंभ किया गया है. इसके लिये दो मशीन की खरीद की गयी है. साथ ही फागिंग के लिये स्टॉफ को रखा गया है. इधर जिला मलेरिया कार्यालय की ओर से मंगलवार को केवटी के मोहम्मदपुर टेक्टार गांव में डेंगू के मरीज सौरव कुमार के घर में फागिंग कार्य किया गया. विदित हो कि डीएमसीएच में जांच के बाद डेंगू की पुष्टि होने पर ही संबंधित मरीज के घर पर फागिंग करने को लेकर विभागीय आदेश जारी किया गया है.
आईजीएम किट से ही डेंगू की पुष्टि
विभागीय जानकारी के अनुसार प्रायः निजी जांच घर या अस्पतालों में डेंगू की जांच रैपिड डायग्नोस्टिक किट से एनएस एक घनात्मक परिणाम आने पर उसे डेंगू मरीज घोषित कर दिया जाता है. विभाग का मानना है कि रैपिड डायग्नोस्टिक किट जांच से संदिग्ध मरीज चिह्नित किये जा सकते हैं, किन्तु यह जांच डेंगू रोग को संपुष्ट नहीं कर सकता है, जबकि भारत सरकार द्वारा डेंगू की आधिकारिक रूप से जांच की प्रक्रिया केवल एलिसा एनएस वन एवं आईजीएम किट से करने का निर्देश है. इसका अनुपालन करने को लेकर निर्देश दिये गये हैं. इस आधार पर स्थानीय स्तर पर विभाग को मरीजों के घर फागिंग करने को कहा गया है, ताकि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सके.
डीएमओ डॉ जेपी महतो ने बताया कि निजी अस्पतालों में रैपिड डायग्नोस्टिक किट से जांच के बाद डेंगू मरीज घोषित कर दिये जाते हैं. लेकिन विभागीय निर्देश के अनुसार आईजीएम किट से ही डेंगू की पुष्टि की जा सकती है. इसकी सुविधा डीएमसीएच में है. इसलिये लोगों को अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिये.