कला व विज्ञान का समन्वय योग हमारे व्यक्तित्व को विकसित तथा सकारात्मक बनाने में सक्षम- प्रो डॉली सिन्हा*

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के एनएसएस कोषांग तथा स्वास्थ्य केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में प्रति कुलपति प्रोफ़ेसर डॉली सिन्हा की अध्यक्षता में योग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया।

अपने संबोधन में प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने कहा कि योग पूरे विश्व को भारत की महत्वपूर्ण देन है। इससे शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। कला व विज्ञान का समन्वय योग हमारे व्यक्तित्व को विकसित तथा सकारात्मक बनाने में पूर्णतः सक्षम है।

प्रति कुलपति ने योग दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि छात्र और शिक्षक ज्यादा मानसिक श्रम करते हैं, इस कारण उन्हें योगाभ्यास की बहुत अधिक आवश्यकता है। हमें प्रतिदिन सुबह में कम से कम आधा घंटा योग अवश्य करना चाहिए। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि मात्र 39 वर्ष की अल्प आयु में ही उन्होंने स्वयं को जागृत कर बहुत अधिक और अच्छे कार्य किए। योग को अपनाकर हम अपने जीवन में इच्छित कार्यों की ओर बहुत तेजी से बढ़ सकते हैं। प्रति कुलपति ने योगनिद्रा के महत्व को प्रत्यक्ष उदाहरण द्वारा समझाते हुए उसे चमत्कारी योग की मान्यता दी और इसे सब के लिए काफी लाभदायक बताया।

योग प्रशिक्षक के रूप में बिहार योग विद्यालय, मुंगेर से प्रशिक्षित योगाचार्य आर बी ठाकुर तथा योगगुरु शंभू मंडल ने सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, ताड़ासन, मकरासन, शलभासन, शवासन, शशांकासन तथा नाड़ी शोधन, कपालभाति ,भ्रामरी, योगनिद्रा आदि करने की विधि तथा उनके लाभों को बताते हुए इनका अभ्यास कराया। आर बी ठाकुर ने कहा कि 60% बीमारियां मानसिक तनाव से उत्पन्न होती हैं। योग मस्तिष्क का विज्ञान है जो हमारे शरीर में संतुलन बनाता है। हमारे मन में प्रतिदिन 50 से 60 हजार विचार आते हैं, जिनमें नकारात्मक विचारों को योग के माध्यम से दूर किया जा सकता है।

शंभू मंडल ने बताया कि यदि हम योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें तो नए रोग उत्पन्न नहीं होंगे, वहीं पुराने रोग भी जल्द ठीक हो जाएंगे। योगाभ्यास योग्य प्रशिक्षक की देखरेख में ही प्रारंभ करना चाहिए, अन्यथा कभी-कभी नुकसान भी हो सकता है।

योग प्रशिक्षण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेस व मीडिया प्रभारी डा आर एन चौरसिया, उप कुलसचिव (प्रथम) डा कामेश्वर पासवान, विधि पदाधिकारी सोनी सिंह, पेंशन पदाधिकारी डा सुरेश पासवान, महात्मा गांधी कॉलेज के एनएसएस पदाधिकारी डा ज्वालाचन्द्र चौधरी, प्रशांत कुमार झा, पूजा कुमारी, अमरजीत कुमार, प्रणव कुमार, रवि कुमार, विश्वनाथ ठाकुर, सुरेंद्र कुमार मंडल, विष्णु प्रभाकर, सुरेंद्र प्रसाद, विक्की कुमार तथा अनेक स्वयंसेवकों सहित 80 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लेकर लाभ उठाया।

एनएसएस समन्वयक डा आनंद प्रकाश गुप्ता के संचालन में आयोजित उद्घाटन सत्र में अतिथियों का स्वागत करते हुए चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गीतेन्द्र ठाकुर ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति की देन है जो हर बीमारी को दूर करता है। यह स्वस्थ शरीर और शांत मन प्रदान करता है, जिससे हमारी कार्यक्षमता भी बढ़ती है।

विश्वविद्यालय एनएसएस समन्वयक डा विनोद बैठा ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बताया कि इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का थीम ‘मानवता के लिए योग’ रखा गया है। इस तरह के कार्यक्रम विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में नियमित रूप से होने चाहिए, ताकि शिक्षकों, छात्रों एवं अभिभावकों को अधिक से अधिक लाभ हो सके।