ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के सभा कक्ष में सभी पदाधिकारियों की एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रति कुलपति, वित्तीय परामर्श, कुलसचिव, डीएसडब्ल्यू, सीसीडीसी, कुलानुशासक, महाविद्यालय निरीक्षक, विकास पदाधिकारी, परीक्षा नियंत्रक, उप कुलसचिव प्रथम, एनएसएस समन्वयक प्रथम व द्वितीय, विधि पदाधिकारी, केन्द्रीय पुस्तकालय प्रभारी, उप परीक्षा नियंत्रक, आइक्यूएसी निदेशक तथा चिकित्सा पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।

पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए कुलपति प्रो एस पी सिंह ने गत 2 वर्षों में विश्वविद्यालय की चल रही कार्य- संस्कृति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सभी पदाधिकारी राजभवन, राज्य सरकार, रूसा, ए जी ऑडिट तथा अन्य विभागों से आए पत्रों के निष्पादन एवं उनके निर्देशों के अनुपालन में और अधिक तत्परता दिखाएं। यद्यपि वे पारदर्शिता के साथ उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार अपने विभागीय कार्यों को संपादित कर रहे हैं, फिर भी वे अपने कार्यों को और अधिक व्यवस्थित रूप से गति के साथ समुचित तरीके से ससमय संपादित करें।

कुलपति ने कहा कि वे संचिकाओं का निष्पादन पूरी तरह नियम- परनियम के अनुसार ही करें, ताकि विश्वविद्यालय में और बेहतर कार्य- संस्कृति बन सके। बैठक में परीक्षा से संबंधित छात्रों की समस्याओं पर भी गंभीरता से चर्चा की गई तथा उनके शीघ्र निष्पादन हेतु कुलपति ने अनेक निर्देश दिया। उन्होंने पदाधिकारियों को अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से पूर्ण सहयोग लेकर विश्वविद्यालय के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।

प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने विश्वविद्यालय की कार्य- संस्कृति की चर्चा करते हुए कहा कि प्रत्येक पदाधिकारी अपने विभाग के कर्मचारियों के साथ प्रत्येक शुक्रवार को एक बैठक करें, जिसमें साप्ताहिक कार्यों एवं गतिविधियों की समीक्षा हो, जिससे की विभागीय कर्मी भी कार्यों के प्रति अधिक सचेत हो सकें और कार्यों की गतिशीलता भी बढ़ सके। उन्होंने छात्र शिकायत निवारण हेतु संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे छात्र संबंधी शिकायतों के निवारण को उच्च प्राथमिकता दें।

वित्त परामर्शी कैलाश राम ने कहा कि पदाधिकारी अपने विभागीय कार्यों के प्रति और अधिक जागरूक रहें तथा राजभवन एवं राज्य सरकार से आए सभी निर्देशों का अनुपालन शतप्रतिशत करें, ताकि किसी भी जिज्ञासा का समय पर उचित जवाब प्रेषित किया जा सके।

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद ने कहा कि सभी पदाधिकारी कुलपति महोदय के निर्देशानुसार ही कार्य करें तथा अपने- अपने विभाग से संबंधित संचिकाओं को व्यवस्थित करें, ताकि किसी भी समय संचिकाओं की मांग होने पर उसे ससमय प्रस्तुत किया जा सके।

कुलसचिव ने कहा कि अभी विश्वविद्यालय में खासकर अंकेक्षण का कार्य चल रहा है, जिसकी आतुरता एवं गंभीरता को देखते हुए त्वरित गति से मांगी गई संचिकाएं शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि उन्हें कार्य करने में किसी भी तरह की कठिनाई हो तो वे कुलपति अथवा कुलसचिव से संपर्क कर आवश्यक निर्देश प्राप्त कर सकते हैं।