● छात्रों व मरीजों को ध्यान में रखते हुए ध्वनि प्रदूषण से शहर को मुक्ति के लिये प्रशासनिक पदाधिकारियों व निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से डॉ० शर्मा का अनुरोध।

लनामिवि दरभंगा:- विगत कुछ महीनों पहले आपने डॉ० मनु राज शर्मा का “स्वच्छ शहर हो दरभंगा अपना” का अपील सुना। समय दर समय भूगोल विभाग में छात्रों को जागरूकता के लिये कई कार्यक्रम चलाते रहते हैं। जिसका शहर के बुद्धजीवी वर्ग ने स्वागत किया था। इसी कड़ी में उन्होंने आज पुनः एक बार फिर दरभंगा शहर को ध्वनि प्रदूषण से मुक्त बनाने की दिशा में दरभंगा के प्रशासनिक पदाधिकारियों व निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से अनुरोध व अपील करते हुए कहा कि जैसा कि हम सभी जानते हैं हमारे दरभंगा शहर का विकास मुख्यतः शिक्षा और चिकित्सा से जुड़ा हुआ है।

हमारे शहर में बिहार राज्य की दो लीडिंग विश्वविद्यालय ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय व कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय है। इसके अलावा कई महाविद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, कई विद्यालय व निजी कोचिंग संस्थान से लेकर मौलाना अबुल कलाम आजाद अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय हैदराबाद(मानू) तक की शाखा है जहां पर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों, आसपास के जिलाओं, पूर्वोत्तर के राज्यों से लेकर यहां तक की पड़ोसी राष्ट्र नेपाल तक से छात्र आकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। हमारे शहर में दरभंगा चिकित्सा अस्पताल सह महाविद्यालय, कई डेंटल व होम्योपैथी कॉलेजों व अस्पतालों, स्वामी विवेकानंद कैंसर अस्पताल से लेकर कई मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल तक है। जहाँ पर प्रतिदिन 5000 से अधिक मरीज दूर-दूर से आकर इलाज कराते हैं।

ऐसे स्मार्ट शहर दरभंगा के अंदर में हमारा सामाजिक दायित्व बढ़ जाता है कि हम अपने छात्रों व मरीजों को स्वस्थ वातावरण देने के लिये अपने ध्वनि प्रदूषण के स्तर को निम्न रखें। जैसा कि हम देखते हैं कि किसी भी सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों में लाउडस्पीकर का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। जिससे हमारे शहर के ध्वनि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता चला जा रहा है। जिससे प्रतिदिन लाखों लोगों को प्रभावित करता है। इसके कारण होने वाली सबसे आम स्वास्थ्य समस्या “शोर प्रेरित श्रवण हानि” (एनआईएचएल) है। तेज आवाज के संपर्क में आने से उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, नींद में खलल और तनाव भी हो सकता है। ये स्वास्थ्य समस्याएं सभी आयु समूहों, विशेषकर बच्चों को प्रभावित कर सकती हैं।

केंद्रीय प्रदूषण एवं कंट्रोल बोर्ड ने इस दिशा में कई अधिनियम दिये हैं जिसके तहत हमारे शहर में 65 डेसीबल से अधिक का ध्वनि प्रदूषण करना वर्जित है। तो इस वीडियो के माध्यम से मैं अपने शहर के सभी प्रशासनिक पदाधिकारियों एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से अनुरोध व अपील करता हूँ कि कोई एक नियोजित नीति लेकर आएं जिसके तहत अपने शहर दरभंगा का ध्वनि प्रदूषण कम कर सकें। तो आईये अपने शहर दरभंगा को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम बढ़ाएं।

डॉ० शर्मा मूलतः पंजाब के जालंधर शहर के रहनेवाले हैं जो कि मिथिला विश्वविद्यालय के अंतर्गत विश्वविद्यालय भूगोल विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर पदस्थापित हैं।