दरभंगा।विश्वविद्यालय संगीत एवं नाट्य विभाग तथा विश्वविद्यालय अंग्रेजी विभाग के संयुक्त तत्त्वावधान में विश्व कवि रवीन्द्रनाथ ठाकुर की 161वीं जयंती समारोहपूर्वक आयोजित की गई। समारोह का उद्घाटन करते हुए प्रति कुलपति प्रोफेसर डाॅली सिन्हा ने कहा कि रवीन्द्रनाथ ठाकुर मूलतः बंगला के लेखक हैं,लेकिन उनकी विश्वदृष्टि देश की सीमाओं को अतिक्रांत करती है।वे मानवतावादी लेखक हैं।पूरब और पश्चिम का मणिकांचन संयोग उनकी रचनाओं में दिखाई पड़ता है।प्रो सिन्हा ने रवीन्द्र जयंती के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय संगीत एवं नाट्य विभाग तथा विश्वविद्यालय अंग्रेजी विभाग को हार्दिक बधाई दी।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ।तदुपरांत संगीत एवं नाट्य विभाग के छात्र-छात्राओ ने बिहार गौरव गीत एवं विश्वविद्यालय के कुलगीत को प्रस्तुत किया।रवीन्द्रनाथ ठाकुर-रचित ‘चंडालिका’ एवं ‘गूंगी’ की भावपूर्ण प्रस्तुति की गई।नूपुर चक्रवर्ती ने चंडालिका और गूंगी का जीवंत अभिनय किया।रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कालजयी रचना ‘एकला चलो रे’ का गायन सर्वथा प्रशंसनीय रहा।पूजा कुमारी ने रवीन्द्रनाथ की लोकप्रिय रचना आमार हियार माझे का भावपूर्ण गायन किया।
कार्यक्रम के आरंभ में संगीत एवं नाट्य विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पम नारायण ने प्रति कुलपति प्रोफेसर डाॅली सिन्हा समेत विशिष्ट आगंतुकों का स्वागत पुष्प गुच्छ से स्वागत किया।रवीन्द्र जयंती के उपलक्ष्य में अंग्रेजी विभाग में भाषण प्रतियोगिता तथा विदेशी भाषा विभाग में पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिनके प्रतिभागियों को प्रति कुलपति के कर कमलों से सम्मानित किया गया।इस अवसर पर वित्तीय परामर्शी कैलाश राम ने भी अपने उदगार व्यक्त किए। उन्होंने रवीन्द्रनाथ की रचना एकला चलो रे से प्रेरणा लेने की सलाह दी।
समारोह में स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर चन्द्र भानु प्रसाद सिंह ,अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ए के बच्चन ,ललित कला संकायाध्यक्ष प्रोफेसर लावण्य कीर्ति सिंह काव्या ,हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राजेंद्र साह ,प्रोफेसर पुनीता झा ,उप कुलसचिव प्रथम डाॅ कामेश्वर पासवान ,डाॅ संकेत कुमार झा समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
07 May 2022
