दरभंगा। कहा जाता है कि बच्चे गीली मिट्टी के समान होते हैं। अनुभवी व्यक्ति अपने कुशल नेतृत्व में उनको किसी भी सांचे में ढाल सकते हैं। मगर यह भी देखा जाता है कि जिनके अभिभावक अपने बच्चों पर सही ढंग से ध्यान नहीं दे पाते हैं, वैसे बच्चे बच्चे बहक जाते हैं।और जब बच्चे एक बार बहक गये तब फिर वैसे किशोरों को कॉउंसलर की जरुरत पड़ जाती है।क्योंकि बच्चे तभी अपनी समस्या की असली वजह समझ पाते हैं और उस में सुधार भी ला सकते हैं मगर अभिभावक इस बात को समझ नहीं पाते हैं।

इसका नतीजा यह निकलता है कि नाबालिगों का मन नशाखोरी की तरफमचल जाता है। वो अपनी उड़ान को इसी का सहारा देने लगते हैं। जिसकी वजह से समस्याएं बढ़ती ही चली जाती है।

ये सब बातें डॉ प्रभात दास फाउण्डेशन के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दंडाधिकारी शशिकांत सिंह ने बाल सुधारगृह दरभंगा में कही। उन्होंने बतलाया कि यहाँ रहकर भी विवेकवान किशोर सफल जीवन गुजार सकते हैं।

इस कार्यक्रम का सफल संचालन रामाशंकर सिंह ने किया। जबकि अध्यक्षता अजीत मिश्रा ने की।विश्व तंबाकू निषेध दिवस के आलोक में आयोजित कार्यक्रम में सबों ने तंबाकू ना सेवन करने की शपथ भी ली।इस कार्यक्रम में रामाशंकर झा, वंसत नारायण झा,शोभाकांत चौधरी, अनील सिंह आदि मौजूद थे।