-अभी भी संक्रमण के मामले से नहीं मिली निजात

-होली में  घर पर ही बीमार व बुजुर्गों को रखें खुश 

दरभंगा, 11 मार्च। अगलेेे कुछ दिनों केे बाद होली का पर्व है। होली को लेकर लोग काफी उत्सुक हैं। पिछले दो सालों में कोरोना के कारण त्यौहारों की रौनक फीकी हो गई है। हालांकि इस बार कोरोना के मामलों में पिछले दो सालों की तुलना में कमी आई है लेकिन संक्रमण का खतरा बरकरार है। ऐसे में कोरोना के खतरे के बीच 17-18 मार्च को होली मनाई जाएगी। लोग इस साल कोरोना मुक्त होली मनाना चाहते हैं। इसके लिए होली मनाने के साथ ही कोविड से बचाव भी जरूरी है। सबसे ज्यादा जरूरी है बड़े बुजुर्गों की सेहत का ख्याल रखना। होली और कोरोना के बीच बड़े बुजुर्गों की सेहत का ख्याल रखने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें। इससे त्यौहार में खलल भी नहीं पड़ेगा और परिवार बिना किसी बीमारी के डर के होली का पर्व मना सकेंगे। 

घर से बाहर न जाएं-
सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार सिन्हा ने बताया अभी भी संक्रमण का एक दो मामला आ रहा है। ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए घर से बाहर न निकलें। सिर्फ घर के बड़े-बुजुर्गों को ही घर से बाहर जाने से न रोकें, बल्कि खुद भी उनके साथ घर पर ही रुकें। बुजुर्गों के साथ घर पर ही होली मनाएं। इससे उन्हें घर पर होली मनाने में मजा भी आएगा और अकेलापन भी महसूस नहीं होगा।

सामाजिक दूरी है जरूरी-
अगर घर से बाहर नहीं जा रहे तो हो सकता है कि दोस्त व करीबी के घर आने का प्लान बना रहे हों लेकिन कोरोना में सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए आने वाले मेहमानों को स्पष्ट बता दें कि घर के बुजुर्गों की सेहत को लेकर चिंतित हैं। वे लोग बाहर से घूम कर आ रहें , यह बुजुर्गों के लिए खतरा भी बन सकता है। इसलिए होली खेल पाना संभव नहीं है।

वर्चुअल होली मानकर मनाएं खुशी-
डॉ अनिल कुमार ने कहा अक्सर बड़े बुजुर्ग बच्चों की तरह जिद करते हैं। बुजुर्गों को अपने हमउम्र या रिश्तेदारों के साथ होली खेलने का मन होता है तो वह बात भी नहीं सुनेंगे और घर पर रुकना पसंद नहीं करेंगे। ऐसे में बुजुर्ग अपने जिन दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ होली खेलना चाहते हैं, उन्हें वीडियो कॉल के जरिए मिलवाएं। वर्चुअल होली खेलें। वीडियो कॉल पर ही सूखा रंग लगाएं ताकि उन्हें होली फीकी न लगे।
घर मे सकारात्मक रहें-
होली पर बीमारी का जिक्र कर रोक टोक करना, या उन्हें घर पर रोक कर अपने में मग्न हो जाना, बुजुर्गों को खालीपन महसूस कराएगा। उनका भी मन करेगा कि वह अपने हमउम्र के साथ होली मनाएं। ऐसे में भले ही उन्हें घर पर रोक कर आप कोरोना से बचाव कर लें लेकिन मानसिक स्तर पर उनकी स्थिति का इलाज आप नहीं कर सकेंगे। इसलिए घर का माहौल सकारात्मक रखें। उन्हें घर पर ही होली में इतना खुश कर दें कि बाहर जानें, दोस्तों से मिलने की जरूरत ही महसूस न हो।