जनउपयोगी होती हैं पत्र-पत्रिकाएं : कुलसचिव

संस्कृत विश्वविद्यालय में शोध पत्रिका ‘गरीयसी’ का हुआ विमोचन

#MNN@24X7 दरभंगा राम नाम गो सेवा, सन्त सेवा एवं शास्त्र संरक्षण के सिद्धांतों को लेकर योगी सम्राट ब्रह्मर्षि देवरहा बाबा की संस्मृति में प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका ‘गरीयसी’ का संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय समेत अन्य पदाधिकारियों ने बुधवार को विमोचन किया।

मौके पर पत्रिका के मुख्य सम्पादक सह कुलपति प्रो0 पांडेय ने कहा कि इस पत्रिका को विश्व स्तर के विद्वानों व सन्तों का संरक्षण प्राप्त है। इससे बेशक संस्कृत व प्राच्य विषयों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सम्पादक मंडल से इसमें स्तरीय आलेखों को ही स्थान देने की सलाह दी।

वहीं कुलसचिव प्रो0 ब्रजेशपति त्रिपाठी ने कहा कि किसी भी तरह की साहित्यिक अथवा शोध पत्रिका के प्रकाशन से समाज को लाभ होता है। उसमें प्रकाशित सामग्री संकलन योग्य होती हैं । उन्होंने गरीयसी के प्रकाशन पर खुशी जाहिर की। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि आदिवासी बालकल्याण एवं संस्कृत शिक्षा समिति, वेगमगंज, मध्यप्रदेश द्वारा प्रकाशित
गरीयसी पत्रिका का यह सातवां अंक है। इसमें संस्कृत व हिंदी दोनों भाषाओं में आलेख छपे हुए हैं।सम्पादक मंडल में प्रधान संपादक कुलपति प्रो0 पांडेय हैं जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग के डॉ अवधेश कुमार सम्पादक हैं । वहीं व्याकरण विभाग के सहायक प्रध्यापक डॉ . यदुवीर स्वरूप शास्त्री व डा. एल सविता आर्या सह सम्पादक हैं।

वहीं, बजट अधिकारी डॉ पवन कुमार झा ने कहा कि शोध पत्रिका के प्रकाशन से शैक्षणिक गतिविधियां बढ़ेगी। उन्होंने सम्पादक मंडल को साधुवाद दिया और सतत प्रकाशन पर बल दिया
सम्पादक डा. श्रोत्रिय ने बताया कि इस पत्रिका के परम प्रधान संरक्षक श्री जानकी वल्लभ आश्रम पीठाधीश्वर वृन्दावन धाम श्री स्वामी अनिरुद्धाचार्य जी महाराज , संरक्षक ब्रह्मर्षि देवरहा बाबा आश्रम पीठाधीश्वर भोपाल श्री स्वामी रामकृष्ण आचार्य वेदांती जी महाराज , परामर्शप्रदाता राजगुरु पीठ आचार्य मंदिर चित्रकूट श्री स्वामी युवराज बद्री प्रपन्नाचार्य जी महाराज हैं। वहीं परामर्श दातृ मण्डल में मभारत के प्रतिष्ठित विद्वान् श्री स्वामी विद्या भास्कर वासुदेवाचार्य जी महाराज अयोध्या ,श्री स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज वृंदावन , प्रो. राधावल्लभत्रिपाठी प्रो. आजाद मिश्र जी समेत अन्य विद्वानों का मार्गदर्शन मिल रहा है। कुलपति कार्यालय कक्ष में हुए विमोचन के अवसर पर पत्रिका के सम्पादक मंडल के सभी सदस्य भी उपस्थित थे।