कुष्ठ जन्मजात नहीं संक्रमित रोग, प्रारंभिक अवस्था में समुचित व पूर्ण इलाज संभव- डा अमरेन्द्र।
कुष्ठरोग निवारण पखवाङ़ा समापन के अवसर पर “कुष्ठरोग निवारण : हमारा दायित्व” विषयक कार्यक्रम संपन्न।
कुष्ठरोग को छुपाने तथा उसका समय पर इलाज न होने पर दिव्यांगता संभव- ब्रजकिशोर।
वेबीनार में डा अमरेन्द्र, ब्रजकिशोर, चंद्रभूषण, अनिल, डा कीर्ति, डा चौरसिया, डा अंजू आदि ने रखे महत्वपूर्ण विचार।
कुष्ठरोगी आलू, बैगन, मसूरदाल, मांस-कबाब, मछली व लाल मिर्च आदि के सेवन से बचें- अनिल।
दिव्यांगता उन्मूलन एवं पुनर्वास को समर्पित राष्ट्रीय संस्था सक्षम की दरभंगा इकाई तथा भारत विकास परिषद् , भारती-मंडन शाखा,दरभंगा की महिला-मंडल के संयुक्त तत्वावधान में ‘कुष्ठरोग निवारण पखवारङ़ा’ के समापन के अवसर पर “कुष्ठरोग निवारण : हमारा दायित्व” विषयक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन दरभंगा में किया गया। वेबीनार में दरभंगा जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डा अमरेन्द्र कुमार झा, कुष्ठ बाधितों के लिए समर्पित संस्था सम-उत्थान (पूर्व चंपारण) के प्रांत सचिव ब्रजकिशोर प्रसाद, सक्षम, उत्तर बिहार के अध्यक्ष चन्द्रभूषण पाठक, भारत विकास परिषद् , दरभंगा के अध्यक्ष अनिल कुमार, मिल्लत कॉलेज के मनोविज्ञान की प्राध्यापिका डा कीर्ति चौरसिया, सक्षम, दरभंगा के संरक्षक डा आर एन चौरसिया, परिषद् के महिला- मंडल की संयोजिका डा अंजू कुमारी, सक्षम के संयोजक विजय कुमार लाल दास, एलएस कॉलेज, मुजफ्फरपुर के प्राध्यापक डा राजीव कुमार आदि ने विचार व्यक्त किए, जबकि रामाशंकर पाठक, सतीशचंद्र पाठक, एमएलएसएम कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डा विद्यानाथ झा, डा सुमित कोले, शंभू मंडल, डा आयशा परवीन, डा नीतू कुमारी, सत्यम कुमार, अमरजीत कुमार, राजकुमार गणेशन, गोपाल झा, सोनाली, पूजा, राजीव, मोनिका, सरोज, सुरुचि, नलिन, निशिथ, धनंजय, विनीता, गिरीश, श्वेता, कुंदन, निधि, कृष्णा, चंदा, मणिकांत ठाकुर व आनंद महतो सहित 60 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया।
दरभंगा जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डा अमरेंद्र कुमार झा ने कहा कि कुष्ठरोग सूक्ष्म जीवाणु से होता है। यह मात्र कुष्ठरोगी को स्पर्श करने से नहीं होता है, बल्कि रोगी के छिंकने- खांसने से जीवाणु शरीर में प्रवेश कर धीमी गति से 6 माह से 40 वर्ष के बीच असर दिखाता है। भारत में प्रतिवर्ष 1,25,000 नये कुष्ठरोगी बनते हैं जो विश्व का 60% हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कुष्ठरोग जन्मजात नहीं, बल्कि संक्रमित रोग है। यदि प्रारंभिक अवस्था में समुचित इलाज हो तो कुष्टरोग पूर्णत: ठीक हो सकता है। कुष्ठ रोगी को सरकार द्वारा मुफ्त दवा तथा इलाज प्रदान किया जाता है। नसों में सूनापन एवं अंगों में कमजोरी कुष्ठरोग के प्रारंभिक लक्षण हैं।
मिल्लत कॉलेज, दरभंगा के मनोविज्ञान की प्राध्यापिका डा कीर्ति चौरसिया ने कहा कि कुष्ठरोग से न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक परेशानियां भी होती हैं। परिवार व समाज द्वारा भी रोगी के प्रति अत्यधिक भेदभाव किया जाता है, जिससे परेशान होकर रोगी आत्महत्या तक को भी बाध्य हो जाते हैं।
परिषद् के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि कुष्ठरोग बेसिलस लेप्रो नामक जीवाणु से फैलता है, जिससे अंग पहले लाल फुंसी व चक्कता युक्त एवं फिर अंत में जख्मी हो जाता है। चालमोगरा व नीम तेल लगाने से रोगी को लाभ होता है। यदि रोगी बैगन, मसूर दाल, मांस- मछली, लाल मिर्च व आलू आदि के सेवन से बचते हुए मूंग दाल, कद्दू- पालक, दूध- मक्खन आदि सहित आयरन व कैल्शियम युक्त भोज्य पदार्थ का उपयोग करें तो कुष्ठरोग काफी हद तक कम हो जाता है।
परिषद् के महिला मंडल की संयोजिका डा अंजू कुमारी ने राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि कुष्ठरोग एक पुरानी एवं दीर्घकालिक संक्रामक बीमारी है, जिसे कोढ या हन्सेन रोग भी कहते हैं। त्वचा पर घाव इसके प्रारंभिक संकेत हैं। इससे त्वचा, नसों, हाथ, पैरों व आंखों में स्थाई क्षति हो जाती है। कुष्ठरोग मुख्यत: गरीबों की बीमारी है जो स्थाई अक्षमता का प्रमुख कारण भी हो जाता है।
अध्यक्षीय संबोधन में सक्षम के उत्तर बिहार प्रांत के अध्यक्ष चंद्रभूषण पाठक ने कहा कि अनुवांशिक कारकों के कारण केवल 5% लोग ही कुष्ठरोगी बनते हैं। कुपोषण एवं संक्रमित व्यक्तियों के साथ लंबे समय तक संपर्क रहने से बीमारी हो सकती है। कुष्ठरोग असाध्य रोग नहीं है, बल्कि मल्टी ड्रग थेरेपी के साथ आसानी से इसका इलाज संभव है।
विषय प्रवेश कराते हुए सक्षम के संरक्षक डा आरएन चौरसिया ने कहा कि यदि कुष्ठरोग का इलाज शीघ्र किया जाता है तो विकलांगता और कुरूपता से बचा जा सकता है। गंभीर कुष्ठरोगी को व्यापक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। इस कारण पीड़ित अपने परिवार या सहकर्मी से भी कुष्ठरोग के लक्षण को छुपाते हैं, जिससे उनका इलाज कठिन हो जाता है।
डा अंजू कुमारी के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत डा प्रेम कुमारी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन सक्षम के दरभंगा जिला संयोजक विजय कुमार लाल दास ने किया।