संकटग्रस्त मित्रों की समस्याओं में हमेशा खड़े रहने की रही आदत ।
शिक्षा जगत के लिए हुई अपूरणीय क्षति ।
दरभंगा। उक्त बातें पूर्व कुलपति प्रो.राजकिशोर झा के आकस्मिक निधन पर मानव सेवा समिति के तत्वावधान में लक्ष्मीश्वर पब्लिक लाइब्रेरी के सभागार में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए प्रो.प्रभाकर पाठक ने कहीं । आगे प्रो.पाठक ने अपने 55 वर्षों के उनके साथ के कई संस्मरणों को सुनाते हुए अपने गुरू तथा सी.एम.कॉलेज के पूर्व प्रधानाध्यापक डॉ.बमशंभूदत्त झा को पुत्र वियोग के सदमे से शीघ्र उबरने की प्रार्थना की ।
मौके पर मानव सेवा समिति के संस्थापक प्रो.जयशंकर झा ने सी.एम.कॉलेज में उनके साथ बिताये संस्मरणों का स्मरण करते हुए शिक्षण, वीक्षण एवं परीक्षण कार्यों में उनकी दक्षता की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उनकी शिव साधना में सहभागी रह चुके प्रो.झा ने कहा कि त्रिमुहानी संगम धाम में संकल्पित शिव की विराट प्रतिमा निर्माण को पूरा कर उनको सच्ची श्रद्धांजलि दी जाएगी ।
मैथिली स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष प्रो.रमेश झा ने उनकी कार्यशैली की सराहना की। इस अवसर पर प्रो.अशोक सिंह ने भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कुलपति के रूप में उनके कार्यकाल को उल्लेखनीय कहा । स्नातकोत्तर संस्कृत पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.जीवानंद झा उनके स्नेहिल व्यक्तित्व का स्मरण कर भावुक हुए । लाइब्रेरी के सचिव प्रो.तरुण मिश्रा ने मिथिला आर्थिक परिषद के आजीवन अध्यक्ष रहे।
प्रो.राजकिशोर झा के साथ उनकी बातों में निहित तथ्यात्मक संदर्भों की चर्चा की तथा हरिद्वार से प्रेषित डॉ.मित्रनाथ झा के शोक संदेश का वाचन किया । इस अवसर पर प्रो.मुकेश प्रसाद निराला ने कहा कि एक क्षण के लिए प्रो.झा को पद का मद नहीं हुआ । इस अवसर पर दरभंगा सेंट्रल स्कूल के प्रिंसिपल ए.के.कश्यप ने स्कूल परिवार के साथ उनके अभिभावकत्व को याद किया । डॉ.सोमेश्वर नाथ झा दधिचि ने उनके ज्योतिषीय फलादेश की सटीकता की जानकारी दी। मौके पर डॉ.विवेकानंद झा,भोगेंद्र कुमार,उज्ज्वल कुमार, विजेंद्र चौधरी,नवल दुबे आदि मौजूद थे।