•परंपरागत आपरेशन की तुलना में यह तकनीक कहीं अधिक सरल और सुरक्षित है।
•क्षेत्रीय प्रबंधन इकाई के आलोक में हुआ प्रशिक्षण

#MNN@24X7 मधुबनी/ 27 नवंबर, महिलाओं का बंध्याकरण में ‘मिनी लैप तकनीक’ का राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के तत्वाधान में तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुरुआत सदर अस्पताल परिसर से हुआ. प्रशिक्षण डॉक्टर सुमन कुमार के द्वारा दिया जा रहा है. आयोजित प्रशिक्षण में डॉ. सुमन ने बताया मिनी लैप नव विकसित आपरेशन पद्धति है. इस तकनीक से बंध्याकरण आपरेशन करना बहुत ही आसान है। उन्होंने बताया कि मिनी लैप का अर्थ ही है मामूली चीरा। नाभी के निकट एक मामूली चीरा लगाकर बंध्याकरण आपरेशन किये जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस आपरेशन में जोखिम जैसी कोई बात नहीं है और न ही लंबी बेहोशी की नौबत। आपरेशन के कुछ घंटे बाद ही मरीज को घर जाने की अनुमति दे दी जाती हालांकि आपरेशन के बाद मरीजों को चिकित्सक के परामर्श के अनुसार सेहत का खास ख्याल रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता में इस तकनीक की अहम भूमिका है । मौके पर क्षेत्रीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी खतिबूर रहमान, क्षेत्रीय लेखा प्रबंधक विकास रौशन सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.

दूरबीन प्रणाली से 20 प्रतिशत नसबंदी हो जाते फेल:

डॉ. सुमन ने बताया मिनी लैप बंध्याकरण का कार्य प्रशिक्षण प्राप्त डाक्टर हाथ से ही कर रहे है। इसमें किसी भी प्रकार की मशीनरी का प्रयोग नहीं किया जाता है। पहले नसबंदी में दूरबीन प्रणाली की प्रकिया से किया जाता था। जिसके कारण 20 प्रतिशत नसबंदी फेल हो जाते थे। क्योंकि यह नसबंदी किसी भी स्टाफ नर्स द्वारा किया जाता था, लेकिन इस विधि में नसबंदी फेल नहीं हो सकती है। क्योंकि इसमें आपरेशन के दौरान नस को काट दिया जाता है जिससे बच्चा पैदा होने की कोई उम्मीद नहीं होती है और यह शत प्रतिशत सफल होता है।

गर्भ-निरोधक उपाय उपलब्ध है अस्पतालों में:

सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने बताया स्वास्थ विभाग के पास परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों उपलब्ध हैं स्थायी साधनों में मिनीलैप एवं महिला नसबंदी की सुविधा उपलब्ध है. बच्चों में अंतराल एवं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कॉपर टी, गर्भ-निरोधक गोली(माला-एम एवं माला-एन), कंडोम एवं इमरजेंसी कंट्रासेपटीव पिल्स उपलब्ध है.

इन्हें दिया गया प्रशिक्षण:

मिनी लैप का प्रशिक्षण डॉ. अभिजीत कुमार चिकित्सा पदाधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लौकही, डॉ कुमार अमन चिकित्सा पदाधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लदनिया, डॉ सुरेश प्रसाद चिकित्सा पदाधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कलुआही डॉ. सुमंत कुमार चिकित्सा पदाधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बासोपट्टी को दिया जा रहा है।