सम्भाषण शिविर के आयोजन की दरकार
#MNN24X7 दरभंगा, संस्कृत जन जन की जुबान पर हो। यह लोक भाषा बने। समाज मे इसे उच्च स्थान मिले और यह सही मायने में रोज के व्यवहार में आ सके, इसके लिए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय सतत प्रयत्नशील हैं। वे जिस किसी भी कार्यक्रम में जाते हैं वहां संस्कृत की उन्नति व उसके संवर्धन के उपायों पर जरूर फोकस करते हैं। संस्कृत के प्रचार व प्रसार से उनका गहरा जुड़ाव रहा है।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि विजिटर्स रजिस्टर यानी आगंतुक पंजी में भी वे अपनी प्रतिक्रियाएं संस्कृत में ही दर्ज करते हैं। दो दिन पूर्व किसी कार्यक्रम के सिलसिले में वे जगदीश नारायण ब्रह्मचर्य संस्कृत उपशास्त्री महाविद्यालय, लगमा गए थे। यहां भी कुलपति प्रो0 पांडेय ने कालेज के विजिटर्स रजिस्टर में संस्कृत में ही अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। लिखा कि कालेज में संस्कृत का वातावरण अच्छा है। इसे बढ़ाने की जरुरत है। साथ ही संस्कृत सम्भाषण का यहां शिविर अपेक्षित है। कालेज के समीपस्थ गांवों में भी संस्कृतमय वातावरण का निर्माण हो, ऐसा हमें प्रयास करना है। इसके लिए वे आशान्वित हैं।
बगल के आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भी कुलपति ने वहां मौजूद सभी वुद्धिजीवियों से संस्कृत को बढ़ावा देने की अपील की और कुछ ऐसे सुझाव भी दिए जिसके बलबूते संस्कृत के लिए समाज मे मददगार वातावरण तैयार किया जा सके।
मौके पर मुख्य रूप से डॉ राधेश्याम झा, डॉ नन्द कुमार चौधरी, प्रकाश चन्द्र मिश्र, प0 धीरेंद्र झा, नरेश कुमार उपस्थित थे।
यहां उल्लेख करना जरूरी है कि विश्वविद्यालय मुख्यालय में भी कर्मियों को संस्कृत में बोलचाल करने तथा सञ्चिकाओं को निष्पादित करने के लिए भी व्यवस्था की जा रही है। संस्कृत सीखाने के लिए इसमें संस्कृत भारती की मदद ली जाएगी। ग्रुप बनाकर कर्मियों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। गत 12 मार्च को आयोजित सीनेट की बैठक की अध्यक्षता करते हुए माननीय कुलाधिपति ने भी संस्कृत सम्भाषण आयोजित करने को कहा था।