maithilinewsnetwork

रांची।झारखंड में जिलों के उपायुक्त साइबर हमले की चपेट में हैं।बीते तीन महीने में सोशल मीडिया पर राज्य के 24 में से 15 जिले के डीसी की फर्जी प्रोफाइल तैयार कर ठगी के प्रयास का मामला सामने आ चुका हैं।ताजा मामला राजधानी रांची के उपायुक्त छवि रंजन के नाम पर व्हाट्सएप पर फेक आईडी बनाने का है।

राजधानी रांची के उपायुक्त छवि रंजन के नाम से फेक व्हाट्सएप आईडी बनाई गई है।इसमें डीसी की तस्वीर भी लगी हुई है।जिस फेक नंबर से आईडी बनायी गई है।उसका नंबर कोड अंतरराष्ट्रीय है।फेक व्हाट्सएप आईडी से लोगों को गुमराह किया जा रहा है और कुछ लोगों से साइबर अपराधी पैसे भी मांग कर रहे हैं।फर्जी व्हाट्सएप के जरिए अमेजन गिफ्ट के मार्फत मांग रखी जा रही है।मामले की जानकारी होने के बाद डीसी छवि रंजन ने लोगों से अपील की है कि अगर इस फेक आईडी से आपसे संपर्क किया जाता है तो किसी भी तरह के झांसे में नहीं आएं।उन्होंने ट्वीट कर भी ऐसे मामले की जानकारी आमजन के बीच साझा की है।

इस मामले की जानकारी रांची जिला प्रशासन की ओर से एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को दी गई है।रांची पुलिस ने फेक व्हाट्सएप आईडी बनाने वाले यूजर की तलाश के लिए एक स्पेशल टीम को लगाया है।पुलिस के साइबर सेल की टीम साइबर अपराधियों को ट्रैक करने की कोशिश कर रही है। संभावना जताई गई है कि रांची के डीसी की फर्जी आईडी नाइजीरिया के साइबर अपराधियों ने बनाई है।

मिली जानकारी के अनुसार रांची के अलावा पलामू, गिरिडीह, बोकारो, रामगढ़, धनबाद, चाईबासा, गुमला, लातेहार, देवघर, जमशेदपुर, पाकुड़, लोहरदगा, हजारीबाग व कोडरमा के उपायुक्तों का फर्जी फेसबुक या व्हाट्सऐप प्रोफाइल तैयार कर लोगों से ठगी का प्रयास किया जा चुका है।राज्य के कृषि सचिव और पलामू के आयुक्त की फेक आईडी बना कर भी लोगों से संपर्क किया गया है।

डीजीपी, कोल्हान डीआईजी, कोडरमा एसपी समेत कई अन्य पुलिस पदाधिकारियों की भी फर्जी प्रोफाइल सोशल मीडिया पर ठगी करने की कोशिश की गयी है। हालांकि,उपायुक्त समेत अन्य बड़े अधिकारियों के नाम पर ठगी का प्रयास सफल होने की कोई सूचना अब तक नहीं है।

*फोटो चुरा कर तैयार होती है फर्जी प्रोफाइल*

फेसबुक और व्हाट्स‌एप एकाउंट से फोटो की चोरी कर फेक प्रोफाइल तैयार की जाती है।फर्जी प्रोफाइल बनाकर उसके जरिये यूजर के परिचितों से पैसों की मांग की जाती है।कई बार अपराधी फेसबुक को हैक कर भी यूजर के प्रोफाइल को यूज करते हैं और यूजर को इसकी जानकारी भी नहीं मिलती है।सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर विदेशी या फिर अनजान नंबर से व्हाट्सएप पर भी फेक प्रोफाइल तैयार कर परिचितों से राशि की मांग की जाती है। व्हाट्सएप पर भी ठगी के प्रयास के लिए फेसबुक या अन्य सोशल साइटों का सहारा लेकर दोस्तों या परिचितों का मोबाइल नंबर हासिल किया जाता है।

*नहीं पकड़े जाते अपराधी*

बड़े अफसरों और नेताओं की फर्जी प्रोफाइल तैयार कर ठगी का प्रयास करने वाले अपराधी पकड़े नहीं जाते हैं। सोशल मीडिया पर बड़े लोगों की फर्जी प्रोफाइल बनाने के मामले में अब तक इक्का-दुक्का अपराधी ही पकड़े गये हैं।राज्य के दर्जन भर से अधिक उपायुक्तों और अन्य अधिकारियों की फेक प्रोफाइल तैयार करने वालों को नहीं पकड़ा जा सका है।हालांकि पिछले दिनों पुलिस महानिदेशक की फर्जी प्रोफाइल बनाने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।