वाराणसी।बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी में सावन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।14 जुलाई से सावन शुरू हो रहा है, और 18 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ेगा। इस पावन अवसर पर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ियों और शिवभक्तों के लिए खास व्यवस्था की गयी है। आध्यात्मिक नगरी काशी के शिवालयों में सावन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए कमिश्नर ने भी अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी हुई तो अधिकारियों का नपना तय है।
आपको बता दें कि देश दुनिया से बाबा के भक्त भारी संख्या में आध्यात्मिक नगरी काशी आने वाले हैं।विश्वनाथ धाम परियोजना पूरी होने के बाद ये पहला सावन उत्सव होगा।इस बार सबसे खास बात ये है कि पहली बार श्रद्धालु गंगा घाट से जल लेकर बाबा का जलाभिषेक करेंगे।इसे ध्यान में रखते हुए कई इंतजाम किए जा रहे है।भक्त किसी भी घाट से नाव के माध्यम से काशी विश्वनाथ धाम घाट तक पहुंच सकेंगे। इसके अलावा पूर्व की व्यवस्था भी लागू रहेगी। गोदौलिया, मैदागिन और दशाश्वमेध के साथ गंगा घाट से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने का मार्ग तय कर दिया गया है। जो जिस रास्ते से प्रवेश करेगा, दर्शन के बाद वह उसी रास्ते से निकल जाएगा।अधिकारियों की बैठक भी लगातार हो रही है। इसमें श्रद्धालुओं की सुविधा-सुरक्षा, प्रवेश-निकास पर विशेष नजर रखने की रणनीति बनाई जा रही है।
*पहले दिन 6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद*
कुछ ऐसा ही उत्साह सावन को लेकर वाराणसी के पुलिस-प्रशासनिक अमले और विश्वनाथ मंदिर प्रशासन में भी हैं।इसके मद्देनजर तैयारियां भी जोरो पर चल रही हैं।मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि सावन के प्रत्येक सोमवार को बाबा विश्वनाथ के धाम में 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आएंगे।वहीं सावन के अन्य दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या ढाई से तीन लाख रहने की संभावना जताई गई है।श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा के मुताबिक जून महीने में रोजाना औसतन एक लाख श्रद्धालु मंदिर में दर्शन-पूजन किए। इसमें भी शनिवार, रविवार और सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या सवा लाख से डेढ़ लाख तक रही।
*नेशनल हाईवे की एक लेन कांवड़ियों के लिए*
जुलाई माह के शुरुआती दिनों में रोजाना दर्शन करने वालों की संख्या लगभग सवा लाख हो गई है।इस हिसाब से अगर देखा जाए तो सावन में प्रत्येक सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या 6 लाख के पार होने की संभावना है।वाराणसी से प्रयागराज नेशनल हाईवे की एक लेन कांवड़ियों के लिए आरक्षित रहेगी. उस लेन में आमजन के चारपहिया वाहन, सवारी वाहन और मालवाहक नहीं चलेंगे।चंदौली, मिर्जापुर, भदोही, गाजीपुर और जौनपुर जिले के पुलिस और प्रशासनिक अफसरों से वाराणसी के अफसर नियमित संपर्क में रहेंगे।
*कांवड़ियों के रूट पर पेट्रोलिंग करती रहेगी पुलिस*
पुलिस शहर से लेकर नेशनल हाईवे तक कांवड़िया रूट पर पेट्रोलिंग करती रहेगी।डायल 112 के पुलिस रिस्पांस व्हीकल विशेष रूप से कांवड़िया रूट पर अतिरिक्त सतर्कता बरतेंगे। महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर विश्वनाथ धाम आने वाले सभी रूटों और गंगा घाटों पर महिला पुलिसकर्मी तैनात रहेंगी। गंगा में जल पुलिस और एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन के अलावा पीएसी बाढ़ राहत दल के जवान भी तैनात रहेंगे।
*श्रद्धालुओं के किए गए खास इंतजाम*
विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं के लिए टेंट, मैटिंग, कूलर-पंखे और आरओ वॉटर की सुविधा के साथ सामान रखने की लिए भी लॉकर उपलब्ध कराया जाएगा।गोदौलिया, मैदागिन, दशाश्वमेध और गंगा घाट से आने वाले श्रद्धालु जिस रास्ते से धाम में प्रवेश करेंगे और दर्शन करने के बाद वह उसी रास्ते से जाएंगे।
*सोमवार शहर में रहेगा रूट डायवर्जन*
गोदौलिया, दशाश्वमेध, मैदागिन और गंगा घाटों के इर्दगिर्द जगह-जगह पीए सिस्टम लगा कर सुविधा और सहायता केंद्र बनाए जाएंगे।दशाश्वमेध घाट से गोदौलिया, चौक होते हुए मैदागिन तक मेडिकल सहायता शिविर लगाए जाएंगे। गोदौलिया से मैदागिन के बीच नो व्हीकल जोन रहेगा।इसके साथ ही प्रत्येक सोमवार के मद्देनजर शहर में रूट डायवर्जन की व्यवस्था लागू की जाएगी।
(सौ स्वराज सवेरा)