#MNN@24X7 दरभंगा, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय ने प्रकाशन प्रभारी को निर्देशित करते हुए कहा है कि तीन दिवसीय 18, 19 व 20 अक्टूबर को आयोजित चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव में बिहार सहित देश के विभिन्न चिन्तक, राइटर एवं पाठक सम्मिलित हो रहे हैं। इसलिए अपने विश्वविद्यालय का भी इस मौके पर प्रकाशन विभाग का स्टॉल लगाना जरूरी है जिसके द्वारा कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से प्रकाशित पुस्तकें , पत्र-पत्रिकाएं तथा पंचांगों का विक्रय किया जा सकें।
वहीं कुलपति ने कुलाधिपति सह राज्यपाल के आगमन के मद्देनजर पदाधिकारियों के बीच कार्यों का वितरण किया तथा समितियां गठित की है। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि मंगलवार को क्रीड़ा मैदान में बन रहे पंडाल एवं परिसर की साफ-सफाई का कुलपति प्रो.पाण्डेय ने जायजा लिया एवम आवश्यक निर्देश भी दिए।
वहीं परिसर में भ्रमणशील होकर कुलसचिव डॉ.ब्रजेशपति त्रिपाठी, डॉ.शिवलोचन झा, डॉ.दिनेश झा, डॉ.रामसेवक झा भी तैयारियों की बाबत सक्रिय रहे।
आठ सदस्यीय सहयोग समिति गठित
माननीय कुलाधिपति सह राज्यपाल के 18 अक्टूबर को संस्कृत विश्वविद्यालय आगमन के मद्देनजर एक आठ सदस्यीय सहयोग समिति गठित की गई है। यह समिति चन्द्रगुप्त साहित्य महोत्सव, दरभंगा के सह संयोजक राजेश कुमार झा से समन्वयन स्थापित कर कार्य करेगी। 18 को माननीय कुलाधिपति के हाथों संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल में महोत्सव का उद्घाटन होना है।
समिति में अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ० शिवलोचन झा, कुलसचिव प्रो. ब्रजेशपति त्रिपाठी, परीक्षा नियंत्रक डॉ मुकेश कुमार झा,विकास पदाधिकारी डॉ पवन कुमार झा,सहायक प्राचार्य डॉ० रामसेवक झा, सी. सी. डी. सी. डॉ० दिनेश झा, भू-सम्पदा पदाधिकारी डॉ उमेश झा तथा विधि पदाधिकारी डॉ कृष्मणानन्द मिश्र को शामिल किया गया है। इसी समिति सदस्यों के जिम्मे विभिन्न तरह के कार्यों को आवंटित कर दिया गया है।