बेहतर समाज के निर्माण में अहम है शिक्षक-छात्र संबंध
सीएम साइंस कॉलेज में ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शिक्षक-छात्र संबंध: दशा व दिशा’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उभरे अनेक महत्वपूर्ण विचार
दरभंगा। सीएम साइंस कॉलेज में सोमवार को शिक्षक दिवस समारोह सह संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शिक्षक-छात्र संबंध: दशा व दिशा विषय पर संगोष्ठी सह परिचर्चा में लनामिवि पीजी हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष द्वय प्रो अजीत कुमार वर्मा एवं प्रो प्रभाकर पाठक ने महत्वपूर्ण विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो दिलीप कुमार चौधरी ने की। जबकि अतिथियों का स्वागत आयोजन सचिव डा विश्व दीपक त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत डॉ अमित कुमार झा के द्वारा प्रस्तुत वैदिक मंगलाचरण के बीच अतिथियों के हाथों समवेत रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर हुई।
अंग्रेजी विभाग की शिक्षिका डा अर्निका पॉल के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में संगोष्ठी के प्रस्तावित विषय पर अपने विचार रखते हुए प्रो प्रभाकर पाठक ने कहा कि आज के समय में त्वरित आर्थिक उपार्जन की लालसा एवं द्रुतगति से सफलता पाने की चाह के कारण उत्पन्न हुई अव्यवस्था शिक्षक एवं छात्र के बीच के संबंधों के पतन का मुख्य कारण बन रही हैं। उन्होंने अपने संबोधन में छात्रों को गुरु-शिष्य की मर्यादा में रहते हुए नए युग की तकनीकी सुविधाओं लाभ लेने के लिए प्रेरित किया।
प्रो अजीत कुमार वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बदलते समय के साथ शिक्षण व्यवस्था में भी तेजी से बदलाव आए हैं। सरकारी स्तर पर भी यह बदलाव देखने को मिला है। जिसके एक कालखंड में शिक्षकों को गुरु की बजाय मानव संसाधन के विकास का माध्यम मात्र बनाकर रख दिया गया। परंतु इस बदलाव ने एक बार पुनः अपने पुराने स्वरूप को कायम कर लिया है, जो शिक्षा के विकास के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने अपने अतीत के दिनों को याद करते हुऐ शिक्षक-छात्र संबंध के विभिन्न कालखंडों को विस्तार से रेखांकित किया।
अध्यक्षीय संबोधन में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो दिलीप कुमार चौधरी ने बताया कि वर्तमान शिक्षा पद्धति में बहुत तेजी से बदलाव आए हैं। इसके कारण बच्चों के व्यवहार, सोच और रहन-सहन में भी काफी परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि छात्र और शिक्षकों के बीच का यह अंतर दिनों दिन गहरा होता जा रहा है जो न सिर्फ चिंताजनक है बल्कि शॉर्टकट की सफलता के लोभ से ग्रस्त छात्रों को क्लास रूम से दूर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों के संपूर्ण विकास के लिए शिक्षक-छात्र संबंध को मधुर बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के आयोजन सचिव डा विश्व दीपक त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षक-छात्र संबंध के पतन का मुख्य कारण शिक्षा का व्यवसायीकरण होना बताया। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक-छात्र संबंध को बेहतर बनाने हैं तो सबसे पहले शिक्षा के क्रय-विक्रय का खेल बंद करना होगा।
कार्यक्रम में छात्रों की तरफ से प्रिया रानी मंडल, आयुषी कुमारी एवं अजय कुमार यादव द्वारा प्रस्तावित विषय पर विचार व्यक्त किए गये। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के छात्रों द्वारा संबंधित विषय पर एकांकी प्रस्तुत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के बर्सर डा उमेश कुमार दास ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।