#MNN@24X7 बहादुरपुर 30 मई, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सीपीआई(एम) द्वारा अंचल कार्यालय पर चलाया जा रहा आंदोलन आज दूसरे दिन भी जारी रहा। आज भी प्रखंड अंचल कार्यालय में कामकाज ठप रहा। आंदोलनकारी दाखिल खारिज एवं जमाबंदी निर्धारण में हो रहे लूट खसोट पर रोक लगाने, कर्मचारी द्वारा नाजायज मुंशी बहाल करने एवं रखने पर रोक लगाने, भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन देने और काबिज जमीन का पर्चा गौशालावर पर गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने विद्यालय निर्माण के लिए जमीन मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं।
वहीं आंदोलनकारियों की सभा सीपीआईएम वरिष्ठ नेता रामनरेश शाह की अध्यक्षता मे आयोजित सभा को संबोधित करते हुए, सीपीआई(एम) राज्य सचिव मंडल सदस्य श्याम भारती ने कहा कि अंचल कार्यालय भ्रष्टाचार के दलदल में फंसा हुआ है। दाखिल खारिज से लेकर जमाबंदी निर्धारण में घोर अनियमितता और भ्रष्टाचार है कर्मचारी के नाजायज मुंशी द्वारा दाखिल खारिज एवं अन्य कार्यों में भयंकर शोषण दोहन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि दरभंगा प्रशासन एवं अंचल प्रशासन को आंदोलन करने से पूर्व सूचना दी गई मगर एक भी पदाधिकारी आंदोलनकारियों से वार्ता करना उचित नहीं समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंचलाधिकारी के कार्य शैली की जांच की मांग बहादुरपुर के विधायक सह कल्याण मंत्री मदन साहनी ने किया था। जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता को जांच करने का आदेश दिया, मगर जांच ठंडे बस्ते में पारा हुआ है।
प्रखंड सचिव राम सागर पासवान ने कहा कि बरसों से गरीब जमीन पर काबिज हैं, मगर उन्हें पर्चा देने की कार्रवाई नहीं हो रही है। पररी एवं मिर्जापुर गांव के लगभग 200 परिवार जो बरसों से बसे हुए हैं। उनका संचिका तैयार है मगर नाजायज रकम नहीं देने के चलते अंचलाधिकारी ने पर्चा देना उचित नहीं समझ रहे हैं।सरकारी घोषणा के अनुसार भूमिहीनों को जमीन नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कल अंचल कार्यालय प्रांगण में बहादुरपुर अंचलाधिकारी का पुतला दहन किया जाएगा।
सीपीआईएम नेता गणेश महतो ने कहा कि मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग को लेकर पंचायत समिति द्वारा आंदोलन चलाया जा रहा है। आंदोलन जायज है और आंदोलन जारी है। उन्होंने आंदोलन का समर्थन देते हुए अभिलंब आंदोलनकारियों से वार्ता करने की मांग की
सभा को सीपीआई(एम) नेता विनोद पासवान, सुनील शर्मा, सतनारायण पासवान, बद्री पासवान, सुशीला देवी, रूबी देवी आदि ने संबोधित किया और वार्ता होने तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया।