#MNN@24X7 लखनऊ, एसएसबी के अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तानी नागरिक सीमा हैदर के केस में एसएसबी की 43वीं बटालियन के इंस्पेक्टर सुजीत कुमार वर्मा और मुख्य आरक्षी चंद्र कमल कलिता को चेकिंग में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. आरोप है कि जिस बस से सीमा गुलाम हैदर अपने चार बच्चों के साथ खुनवा बोर्डर से भारत में आई थी, वहां चेकिंग पोस्ट पर इन्हीं दोनों एसएसबी की जवानों ने जांच की थी. बावजूद इसके बिना वीजा के भारत आई सीमा को यह जवान पहनाच नहीं सके थे जब दो माह चुपके से रहने के बाद अचानक सीमा हैदर मीडिया में सामने आई तो एसएसबी ने अंतरिक जांच बैठाई थी.
जांच में इन दोनों जवानों की लापरवाही सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई है.
एसएसबी की ओर से दो अगस्त को जारी आदेश में कहा है कि खुनवा चेकपोस्ट पर तैनात एक हेड कांस्टेबल को दोषी ठहराया गया है. 43 बटालियन के हेड कांस्टेबल चंद्र कमल कलिता ने बस में 35 यात्रियों की जांच की थी. सीट नंबर 28 खाली पाई गई. सीट नंबर 37, 38, 39 पर 14, 13 और 8 वर्ष के बच्चे यात्रा कर रहे थे. यह एक और झूठ और छल का खुलासा करता है. प्रोटोकॉल के तहत सभी 35 यात्रियों की जांच का दावा किया जा रहा है. इसलिए वह यात्रियों को बस से उतारने में विफल रहे हैं. सीमाओं की सुरक्षा की रक्षा करने और भारत के क्षेत्र में अनधिकृत प्रवेश को रोकने के अपने मुख्य कर्तव्य में विफल रहे हैं.
दरअसल, बीते 12 मई को सीमा गुलाम हैदर अपने चार बच्चों के साथ पाकिस्तान से दुबई के रास्ते नेपाल आई थी. जिसके बाद वह बिना वीजा के ही अपने प्रेमी सचिन मीणा के पास यूपी में एंट्री कर गई. इसके लिए उसने बस पकड़ी थी, जिसने 13 मई को गौतमबुद्ध नगर में उतार दिया था. दो माह तक सीमा हैदर और सचिन बुलंदशहर में चोरी चुपके से रहे, लेकिन इसकी सूचना पुलिस को मिलने पर उन्हें जेल भेज दिया गया था. सात जुलाई को जेल से निकलने के बाद देश भर की मीडिया ने सीमा को खबर दिखाई और वह चर्चा में आ गई थी. फिलहाल यूपी एटीएस ने पांच दिनों तक सीमा हैदर और सचिन से पूछताछ करने के बाद अब भी अपनी जांच जारी रखी है.