*प्रो गोकुलानंद चौधरी अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व से महाविद्यालय परिवार के लिए रहेंगे सदा स्मरणीय- डा फूलो*
*विश्वविद्यालय के विधिवेत्ता, समय पाएबंद एवं विद्वान शिक्षक के रूप में प्रो गोकुलानंद शिक्षकों के प्रेरणास्रोत- प्रो मंजू राय*
सीएम कॉलेज, दरभंगा में प्रधानाचार्य डा फुलो पासवान की अध्यक्षता में एक शोकसभा का आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय के अवकाश प्राप्त अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो गोकुलानंद चौधरी के असामयिक निधन पर महाविद्यालय परिवार ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को याद करते हुए भावभिनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वे महाविद्यालय से जनवरी 2020 में अवकाश ग्रहण किए थे। शोकसभा में डा पी के चौधरी, डा जफर आलम, डा आर एन चौरसिया, डा प्रीति कनोडिया, डा मयंक श्रीवास्तव, डा मीनाक्षी राणा, डा पुनीता कुमारी, डा मसरूर सोगरा, डा मनोज कुमार सिंह, डा चंदा कुमारी, विपिन कुमार सिंह, के डी पासवान, सरफराज व अफजल सहित 50 से अधिक शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी तथा छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
अपने संबोधन में प्रधानाचार्य ने कहा कि प्रो गोकुलानंद चौधरी अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व से महाविद्यालय परिवार के लिए सदा स्मरणीय रहेंगे। वर्तमान शिक्षकों को भी उनके अनेकानेक गुणों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए, तभी छात्रों का हित एवं समाज का कल्याण संभव है।
अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका प्रो मंजू राय ने कहा कि दरभंगा के दुलारपुर के स्थाई निवासी प्रो गोकुलानंद विश्वविद्यालय के विधिवेत्ता, समय के पाबंद तथा विद्वान शिक्षक के रूप में हम शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रो चौधरी के साथ विभाग में काम करने का मुझे न केवल सौभाग्य प्राप्त हुआ, बल्कि बहुत कुछ सीखने को भी मिला। महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं शिक्षकगण उनसे विश्वविद्यालय के नियमों की जानकारी एवं ड्राफ्टिंग हेतु राय- मशविरा के लिए प्रायः आया करते थे। अवकाश के बाद भी वे न केवल कॉलेज के निरंतर संपर्क में थे, बल्कि शिक्षक- शिक्षकेतर कर्मियों एवं छात्र- छात्राओं के हित के लिए प्रतिबद्ध थे।
अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो इंदिरा झा ने कहा कि गोखला बाबू का सभी शिक्षकों एवं महाविद्यालय व विश्वविद्यालय से काफी लगाव था। समय-समय पर वे दूरभाष के माध्यम से तथा मिलने वाले लोगों से सबकी हालचाल लिया करते थे। महाविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर भी गत अगस्त माह में उन्होंने महाविद्यालय के भूत एवं वर्तमान के स्वर्णिम स्वरूप को रेखांकित किया था।
ज्ञातव्य है कि प्रोफेसर चौधरी का निधन गत 16 मार्च, 2022 को कोलकाता में छोटी बेटी स्मिता के घर हुआ। उन्होंने अपने पीछे तीन बेटी- दमादों तथा छह नाती- नतनियों के भरे पूरे परिवार को छोड़ गए। अंत में दिवंगत आत्मा की परम शांति के लिए 2 मिनट का सामूहिक मौन रखा गया।