प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र तथा मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण केन्द्र के नवागंतुक छात्रों का स्वागत सह उत्प्रेरण समारोह आयोजित।

महाविद्यालय परिसर में छात्र- छात्राओं के लिए वांछित सुविधाओं को प्रदान करना शैक्षणिक माहौल बनाने में सहायक- कुलपति।

#MNN@24X7 दरभंगा शैक्षणिक संस्थाओं के परिसर में छात्र- छात्राओं के लिए वांछित सुविधाओं को प्रदान करना शैक्षणिक माहौल बनाने में सहायक कारक के रूप में काम करता है। एक ही परिसर में बैंक और पोस्ट ऑफिस के साथ- साथ कैंटीन आदि की व्यवस्था महाविद्यालय प्रशासन की दूरदर्शिता का परिचायक है। उक्त बातें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने स्थानीय सी एम कॉलेज में छात्र- छात्राओं की सुविधा के उद्देश्य से नामांकन काउंटर, कैंटीन और बैंक के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करते हुए कही। वहीं कुलपति ने बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, पटना के सौजन्य से निःशुल्क संचालित प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र तथा मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण केन्द्र, सी एम कॉलेज, दरभंगा में नव नामांकित छात्र- छात्राओं के स्वागत सह उत्प्रेरण समारोह का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते हुए कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए शिक्षा से बेहतर दूसरी चीज नहीं हो सकती है। शिक्षा एक व्यवस्था है, तंत्र है, जिसकी ताकत बहुत बड़ी होती है जो हमें आगे बढ़ती है। उन्होंने एकलव्य का उदाहरण देते हुए कहा कि विद्या प्राप्त करने के लिए निरंतर स्वाध्याय तथा अभ्यास सबसे बड़ा माध्यम है। जो चुनौती स्वीकार करता है, वही सफलता भी प्राप्त करता है।

कुलपति ने नवआगंतुक छात्रों का अभिनंदन करते हुए “चरैवेति चरैवेति…” का सूत्र दिया तथा बताया कि जीवन में कभी रुके नहीं, बल्कि निरंतर आगे बढ़ते रहें। उन्होंने प्रधानाचार्य प्रो मुश्ताक अहमद को दोनों केन्द्रों के शुभारंभ की बधाई देते हुए कहा कि ये केन्द्र छात्रों की योग्यता बढ़ा कर सफलता प्राप्त करने में मदद करेगा। अच्छी शुरुआत से 90% काम पूरा हो जाता है। इन केन्द्रों में शत प्रतिशत छात्रों का नामांकन शुभ संकेत है। सी एम कॉलेज के शिक्षक और छात्र दोनों सुयोग्य हैं जिसका प्रतिफल हमारे सामने आता रहता है। छात्र और शिक्षक एक- दूसरे के पूरक होते हैं तथा एक- दूसरे को गहरे रूप से प्रभावित भी करते हैं।

अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य प्रो मुश्ताक अहमद ने कहा कि नैक की दृष्टि से छात्र- छात्राओं की सुविधाओं के लिए जो भी आवश्यक है, वे सभी कॉलेज के प्रयास से उपलब्ध हो सके, उसी के आलोक में नए भवन में नामांकन काउंटर के साथ ही आधुनिक कैंटीन की व्यवस्था की गई है और बैंक को भी इस नए भवन में स्थान दिया गया है। उन्होंने छात्रों से कहा कि हमारा उद्देश्य आपकी प्रतिभा को निखारना है। यहां पूर्व से संचालित अल्पसंख्यक निःशुल्क कोचिंग सेन्टर से अब तक 600 छात्रों ने सफलता प्राप्त कर शिक्षक बने हैं तथा आठ छात्र नेट परीक्षा में भी उत्तीर्ण हुए हैं। यह सफलता छात्रों के परिश्रम व लगन तथा यहां के शिक्षकों के मार्गदर्शन का परिणाम है। आगे इन दोनों केन्द्रों का भी रिजल्ट देना कॉलेज की बड़ी चुनौती है। प्रधानाचार्य ने कहा कि दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है। छात्र अपनी कमियों को पहचान कर उन्हें दूर करें तो सफलता अवश्य मिलेगी। कॉलेज की ओर से इन केन्द्रों को पूरी सुविधा दी जाएगी। यहां केवल खानापूर्ति नहीं होगी, बल्कि सर जमीन पर काम होगा। इन वर्गों के छात्रों के पिछड़ेपन को देखते हुए सरकार सुविधा दे रही है। अब छात्रों को खुद में सुधार करते हुए आगे बढ़ कर सफलता लेना है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला कल्याण पदाधिकारी मो असलम अली ने कहा कि अच्छी शिक्षा से छात्र कामयाब होंगे और देश की भी तरक्की भी होगी। सीएम कॉलेज केन्द्र से छात्र फ्रेंडली शिक्षकों से पूरी जानकारी एवं मार्गदर्शन लेकर शंकाओं का समाधान करेंगे। इस केन्द्र को महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है। पूर्व स्थित केन्द्र की स्थिति ठीक नहीं थी, जिससे छात्रों को लाभ नहीं हो रहा था। साथ ही जर्जर भवन से जान- माल का भी खतरा बना हुआ था। वहां सिर्फ कागजी खानापूर्ति ही हो रही थी। अब नए सिरे से यह केन्द्र हर प्रकार के अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त किया कि इन केन्द्रों की शुरुआत बेहतरीन ढंग से हुई है तो आगे सफलता भी सुनिश्चित है।
मुख्य वक्ता के रूप में विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया ने 120 नव नामांकित छात्रों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इन निःशुल्क कोचिंग सेंटरों की सुविधाओं का पिछड़े वर्ग के छात्रों को अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। नियमित रूप से कोचिंग में आकर पढ़ें, समझें तथा अपनी शंकाओं का भी निवारण करें। सुयोग्य एवं अनुभवी शिक्षकों के ज्ञान एवं अनुभव से प्रतिभागी शीघ्र अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट मेथर्ड नहीं होता है, बल्कि नियमित अध्ययन तथा प्रश्नोत्तरों का अभ्यास ही उन्हें प्रतियोगिताओं में सफलता प्रदान करेगा।

अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवेश करते हुए प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र के निदेशक डॉ आलोक कुमार राय ने बताया कि इन दोनों केन्द्रों में शत- प्रतिशत छात्रों का नामांकन हुआ है। कुलपति एवं प्रधानाचार्य ने विशेष मार्गदर्शन एवं सहयोग देकर हमारा मनोबल बढ़ाया है, जिस कारण ये दोनों संस्थाएं सी एम कॉलेज में व्यवस्थित रूप में प्रारंभ हो सकी हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण केन्द्र पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लिए संचालित हैं, जिनकी संख्या भारत में करीब 70% है। छात्र अपनी प्रतिभा तथा परिश्रम को अपने लक्ष्य की ओर केंद्रित कर सफलता प्राप्त करें।

कार्यक्रम का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन करते हुए मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण केन्द्र के निदेशक डा अखिलेश कुमार विभु ने प्रेरक कविता एवं शायरी सुनते हुए दोनों केन्द्रों के उद्देश्यों की विस्तार से चर्चा की और छात्रों से कहा कि वे केन्द्र से निरंतर संवाद करते हुए सुयोग्य प्रशिक्षकों से लाभ उठाएं। यह सुअवसर सबको प्राप्त नहीं होता है। यहां बायोमेट्रिक से छात्र- छात्राओं की उपस्थिति प्रतिदिन ली जाएगी। अतिथियों का स्वागत पाग, चादर एवं पुष्पगुच्छ से किया गया।

समारोह में पूर्व प्रधानाचार्य डा अशोक कुमार पोद्दार, विश्वविद्यालय इंजीनियर, ई सोहन चौधरी, डा बिन्दु चौहान, डा अब्दुल हई, डा सुरेन्द्र भारद्वाज, डा मो खालिद अंजुम उस्मान, डा अतुल कुमार जायसवाल, डा आलोक कुमार, डा फैजान हैदर, डा हरे कृष्णा यादव, डा वासुदेव साहू, डा रजनी कुमारी, डा संजीत झा, अखिलेश कुमार राठौर, संजीव कुमार, बिपीन कुमार सिंह, कमलेश कुमार, सृष्टि चौधरी, प्रतुल कुमार, अमरजीत कुमार, मनीष कुमार राय, राजीव कुमार, समीर दयाल दीपक, सरिता कुमारी, सैयद मोहम्मद जमाल अशरफ, संजय कुमार महतो तथा बरक्तुल्लाह अंसारी सहित 130 से अधिक व्यक्ति उपस्थित थे।