पुरुष बैडमिंटन प्रतियोगिता में दीप आशीत तथा महिला बैडमिंटन प्रतियोगिता में नीली रानी ने पाया प्रथम स्थान।

खेलकूद का प्रदर्शन हमारे व्यक्तित्व का महत्वपूर्ण हिस्सा जो हमें बेहतर जीवन जीने एवं पहचान दिलाने में सक्षम- प्रो मंजू।

बैडमिंटन शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखते हुए हमें आत्मविश्वासी व अनुशासित जीवन की देता है सीख- डा चौरसिया।

सी एम कॉलेज, दरभंगा में विश्वविद्यालय स्थापना दिवस की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में चल रहे कार्यक्रमों एवं प्रतियोगिताओं के क्रम में आज बैडमिंटन की पुरुष एवं महिला प्रतियोगिताओं का आयोजन महाविद्यालय स्थित बैडमिंटन कोर्ट में किया गया। पुरुष बैडमिंटन प्रतियोगिता में दीप आशीत- प्रथम, राहुल कुमार- द्वितीय तथा निर्णय कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं महिला बैडमिंटन प्रतियोगिता में नीली रानी- प्रथम, आकांक्षा निधि- द्वितीय तथा साक्षी प्रिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

बैडमिंटन खेलकर प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए आयोजन समिति के संयोजक प्रो मंजू राय ने कहा कि खेलकूद का प्रदर्शन हमारे व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो लोगों को पहचान भी दिलाता है। यद्यपि हमारे यहां इसे ज्यादा प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है, पर धीरे-धीरे लोग इस ओर जागरूक हो रहे हैं। खेल हमारी विविधता में एकता की सीख देता है। उन्होंने कहा कि खुद जीवन एक खेल के समान है, जिसमें हार व जीत लगी रहती है, परंतु खेल हमें न घबराने की सीख देता। यह उसमें पुनः पूरे उत्साह व क्षमता के साथ लग जाने की कला सिखाता है।

खेलकूद प्रतियोगिता के संयोजक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि बैडमिंटन एक लोकप्रिय व मनोरंजक खेल है, जिसकी शुरुआत 1873 में इंग्लैंड से हुई। यह एक इनडोर गेम है जो हल्के रैकेट व शटल कॉर्क के साथ खेला जाता है। भारत में क्रिकेट के बाद बैडमिंटन खेला जाने वाला दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल है। इस खेल में ज्यादा नियम नहीं होने के कारण किसी भी बच्चे, युवा, व्यस्क या महिलाओं द्वारा आसानी से खेला जा सकता है। इससे शरीर फिट और सोच की गति तीव्र हो जाती है, क्योंकि इसमें शारीरीक व्यायाम भी होता है तथा शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ती है।

हिन्दी विभागाध्यक्ष अखिलेश राठौर ने कहा कि इस खेल से छात्रों के प्रतिभा का प्रदर्शन होता है। अतः वे उत्साह पूर्वक भाग लें, क्योंकि इसमें चोट लगने की संभावनाएं नगण्य होती हैं तथा मोटापा और वजन नियंत्रित होता है। साथ ही शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। वहीं मैथिली के प्राध्यापक डा सुरेंद्र भारद्वाज ने कहा कि बैडमिंटन खेलने हेतु ज्यादा व्यक्तियों की जरूरत नहीं होती है, पर यह कई स्तरों पर आयोजित की जाती है। पीवी सिंधु, साइना मेहवाल, पी गोपीचंद, श्रीकांत व पी कश्यप आदि भारत के प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पदक जीतकर भारत का मान बढ़ाया है।

प्रतियोगिताओं में विजयी सभी प्रतिभागियों ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए महाविद्यालय द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता हेतु प्रधानाचार्य तथा आयोजक प्राध्यापकों के प्रति आभार व्यक्त किया। खेल प्रतियोगिताओं के संयोजक डा आर एन चौरसिया ने बताया कि सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले सभी छात्र- छात्राओं को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को मुख्य समारोह में प्रधानाचार्य द्वारा सम्मानित किया जाएगा।