-अब तक 1.48 करोड़ रुपये का किया गया वितरण
-टीबी मरीज़ों को छह माह तक 500 रुपये देने का है प्रावधान
#MNN@24X7 दरभंगा, 06 नवंबर। सूबे में टीबी मरीजों को पोषण राशि देने के मामले में दरभंगा तीसरे स्थान पर है. डायरेक्ट डेबिट प्रक्रिया के तहत मरीजों के खाते में अब तक एक करोड़ 48 लाख 11 हजार रुपये सीधे भेजे जा चुके हैं. विदित हो कि विभाग की ओर से एक करोड़ 54 लाख 33 हजार 500 रुपये भेजे गये हैं. लिहाजा अब तक भेजी गयी राशि का 96 प्रतिशत भुगतान किया जायेगा.
(सीडीओ अशोक कुमार सिंह)
विभागीय जानकारी के अनुसार सरकार से एक करोड़ की राशि मांगी गयी है. वहां से राशि दिये जाने के बाद मरीजों को डायरेक्ट खाते में भेज दिया जायेगा. इसके लिये मरीजों का आधार कार्ड व बैंक खाता संख्या मांगा जाता है. साथ ही मरीजों को सरकारी अस्पताल में रजिस्टर्ड कराना जरूरी है. उसके बाद मरीजों को यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाती है. इसके लिये मरीजों को किसी प्रकार की भागदौड़ नहीं करनी पड़ती है. टीबी मरीजों को लाभ देने की जिम्मेदारी विभाग के कर्मी की होती है. इसके लिये प्रखंड अस्पताल, व डीएमसीएच में विभागीय कर्मी कार्यरत हैं.
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सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपचार व दवा की सुविधा
टीबी के मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में इलाज के दौरान सारी सुविधाएं मुफ्त प्रदान की जाती है. टीबी से संबंधित सभी प्रकार की जांच निःशुल्क की जाती है. साथ ही टीबी की दवाइयां भी मरीज को मुफ्त में दी जाती है. इसके अलावा टीबी से ग्रसित मरीज को प्रतिमाह 500 रुपये भी छह माह तक दिए जाते हैं. यह राशि मरीजों को पोषाहार के तहत दिये जाते हैं.
शुरुआती लक्षण मिलने पर जल्द ठीक होने की संभावना;
सीडीओ डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि यदि टीबी रोग की शुरुआती लक्षणों की पहचान की जाए तो इसको जल्दी ठीक किया जा सकता है. सीने में दर्द रहना, लंबे समय से खांसी होना या खांसी के साथ खून का आना, थकावट महसूस करना, बुखार आना, भूख न लगना, रात में पसीना आना, अचानक वजन कम होना एवं सांस फूलना आदि टीबी के मुख्य लक्षण हैं.
उन्होंने कहा कि यदि इनमें से कोई भी लक्षण लोगों में दिखाई दे तो एक बार टीबी की जांच जरूर करवा लें. बताया कि मरीजों को आर्थिक सहायता योजना के तहत पांच सौ की राशि छह माह तक दी जाती है. लंबे समय तक खांसी रहने पर टीबी की जांच निकट के सरकारी अस्पतालों में की जाती है. इसका लाभ लेना चाहिये.