#MNN@24X7 दरभंगा के कुछ युवकों के दल ने 2019 में रिबेल थियेटर की स्थापना की। तब से अब तक इस टीम ने कला प्रस्तुति और नवीन पीढ़ी को कला के क्षेत्र में प्रेरित करने का कीर्तिमान गढ़ा।
रिबेल थियेटर के स्थापना दिवस के अवसर पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संगीत विभाग के प्रेक्षागृह में विद्यापति संगीत और मैथिली नाटक ‘टूटल तागक एकटा ओर’ की भव्य प्रस्तुति हुई। महेन्द्र मलंगिया रचित और डॉ.सत्येन्द्र कुमार झा निर्देशित मैथिली नाटक ने दर्शकों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम के आरंभिक सत्र में कलाकारों ने अपनी विलक्षण प्रतिभा से ऐसा शमाँ बांधा कि लोग प्रशंसा करते हुए अघा नहीं रहे थे।
विद्यापति संगीत द्वारा जहां मिथिला के गौरव को प्रदर्शित किया गया वहीं दूसरी ओर नाटक के माध्यम से पारिवारिक और सामाजिक जीवन के एक विशेष पक्ष को उजागर करने की सफल कोशिश की गई।
‘टूटल तागक एकटा ओर’ नाटक दाम्पत्य जीवन में आनेवाले विक्षोभ की कहानी है। इसमें एक स्त्री परिस्थिति से हार मानकर नेपथ्य का मार्ग पकड़ लेती है लेकिन जब उसकी तंद्रा भंग होती है तो वह एक बार फिर से अपने दाम्पत्य जीवन को पहले जैसा बनना चाहती है। उसके पति उसके जीवन की वास्तविकता समझे बिना ही उस पर अनेक प्रकार से लांछन लगाता है। इन दोनों के बीच एक मासूम और निर्दोष बच्चा राजू भी विषम परिस्थिति की मार सहकर चलने को मजबूर रहता है।
इस कथा वस्तु को डाक्टर सत्येन्द्र कुमार झा के निर्देशन में मंच पर अपने अभिनय से मोहन मुरारी, वन्दना झा और कात्यायनी झा ने जीवन्त कर दिया। कात्यायनी झा ने इस नाटक से ही रंगमंच पर डेब्यू किया है।
संगीत विभाग का प्रेक्षागृह रिबेल थियेटर की स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम से घंटों तक संगीत और नाटक से स्पंदित होता रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष लावण्य कीर्ति सिंह काव्या द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ उसके बाद विद्यापति रचित गोसाउनि गीत से औपचारिक श्री गणेश हुआ । कलाकारों ने अपनी गायकी से दर्शकों और श्रोताओं को सराबोर कर दिया।
चानन भेल विषम सरि रे – नीलांबर ठाकुर ने
कुंज भवन सँ निकसलि रे -सुप्रिया कुमारी ने
जोगिया ठाड़ अंगनवा मे -तुलसी चौधरी ने
उगना उगना रटिते रटिते – हर्षवर्धन झा ने
की कहब हे सखि रातुक रंग -ऋषभ भारद्वाज ने
माधव तोहे जूनि जाह विदेश -सुमन कुमार सिंह ने
पिया मोर बालक – चांदनी झा ने
चंद्रमुखी सन गौरी हमर छथि – मीनू ठाकुर ने
हे हर हमर करहु प्रतिपाला – सुमन कुमार विक्की ने
नंदक नंदन कदंब तरु रे – आस्था झा ने
शिव हो उतरब पार कवन विधि ना – शिवम पोद्दार ने
बड़ सुखसार पाओल तूअ तीरे – गौरव झा ने गाया।
संगत किया
शहनाई – बालेश्वर राम
हारमोनियम – नीलांबर ठाकुर
तबला – पंकज राम
ढोलक – आदित्य कर्ण
पियानो – शिवम शेखर
वायलिन – गौरव
गिटार – परमवीर प्रताप सिंह
ऑक्टोपैड – अविनाश कुमार मंच संचालन अखिलेश कुमार झा और धन्यवाद ज्ञापन सुमित श्री ने किया।