एनएसएस के माध्यम से युवाओं के चरित्र- निर्माण के साथ ही उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास में करूंगी सहयोग- डा ज्योति प्रभा।
डा ज्योति प्रभा को पीजी इकाई का एनएसएस पदाधिकारी बनने पर शिक्षकों, पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने दी बधाई एवं शुभकामनाएं।
#MNN@24X7 दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफ़ेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह के आदेश से एनएसएस कोषांग द्वारा निर्गत पत्र के आलोक में स्नातकोत्तर विभागों के कार्यक्रम पदाधिकारी के रूप में विश्वविद्यालय इतिहास विभाग की सहायक प्राध्यापिका डा ज्योति प्रभा ने एनएसएस समन्वयक डा विनोद बैठा के समक्ष योगदान किया।
इस अवसर पर एनएसएस के पूर्व समन्वयक डा आर एन चौरसिया, मारवाड़ी महाविद्यालय की एनएसएस पदाधिकारी डा सुनीता कुमारी, एमआरएम कॉलेज की एनएसएस पदाधिकारी डा सगुफ्ता खानम, सी एम साइंस कॉलेज के एनएसएस पदाधिकारी डा सत्येन्द्र कुमार झा, महात्मा गांधी कॉलेज के एनएसएस पदाधिकारी प्रो अविनाश कुमार, विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के प्राध्यापक डा मनीष कुमार, एनएसएस सहायक विष्णु प्रभाकर तथा शोधार्थी संदीप घोष आदि उपस्थित थे।
नवनियुक्त पदाधिकारी डा ज्योति प्रभा को उपस्थित पदाधिकारियों, शिक्षकों एवं कर्मियों ने हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। डा सुनीता कुमारी तथा डा सगुफ्ता खानम ने माला पहनाकर स्वागत किया, जबकि समन्वयक डा विनोद बैठा ने सबको लड्डू खिलाकर मुंह मीठा कराया।
अपने संबोधन में डा ज्योति प्रभा ने कहा कि छात्रों को पुस्तकीय अध्ययन के साथ ही एनएसएस जैसे एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी में भी भाग लेना चाहिए, ताकि उन्हें व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हो सके। मैं अपनी ओर से बेस्ट परफॉर्मेंस करते हुए एनएसएस के माध्यम से युवाओं के चरित्र- निर्माण के साथ ही उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करने में पूर्ण सहयोग करूंगी।
उन्होंने पीजी विभागों के एनएसएस पदाधिकारी बनाए जाने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव एवं एनएसएस समन्वयक के प्रति आभार व्यक्त करते हुए संकल्प व्यक्त किया कि मैं पदाधिकारियों एवं छात्रों के सहयोग से पीजी विभागों में एनएसएस को तेजी से गतिशील करूंगी।
पूर्व एनएसएस समन्वयक डा आर एन चौरसिया ने नवनियुक्त पदाधिकारी को बधाई एवं शुभकामना देते हुए उन्हें पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि डा ज्योति प्रभा के एनएसएस पदाधिकारी बनने से पीजी में एनएसएस इकाई की गतिशीलता निश्चित रूपेण बढ़ेगी, जिसका लाभ छात्र- छात्राओं के साथ ही विश्वविद्यालय को भी होगा।
डा चौरसिया ने कहा कि एनएसएस से युवाओं में राष्ट्रीयता तथा सामाजिकता की भावना जागृत होती है, जिससे वे भविष्य में एक जिम्मेदार नागरिक बन सकते हैं।
एनएसएस समन्वयक डा विनोद बैठा ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि डा ज्योति के एनएसएस पदाधिकारी बनने से पीजी में एनएसएस के कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन हो सकेगा। मैं कुलपति एवं कुलसचिव के मार्गदर्शन में अपनी ओर से इन्हें पूरा सहयोग करूंगा।