हरित क्रांति के जनक डॉ. नॉर्मन बोरलॉग की 108 वी जयंती समारोह समस्तीपुर में बीसा ,पूसा में मनाया गया, जहाँ मुंगेर कृषि विज्ञान केन्द्र से आये कृषि वैज्ञानिक एवं किसान भी उपस्थित थे
बीसा के वैज्ञानिक डॉ अविनाश ने डॉ. नॉर्मन बोरलॉग के बारे में जानकारी दी।बीसा की स्थापना डॉ. नॉर्मन बोरलॉग की वैज्ञनिक विरासत का विस्तार करने के ध्येय से की गयी थी । डॉ. बोरलॉग 2001 में पूसा का दौरा किया था.उन्होंने ये भी बताया कि उनके द्वारा विकसित की गयी गेहूँ के किस्मों से दक्षिण एशिया में भुखमरी दूर हुई जिसके लिए उन्हें नोबल शांति पुरस्कार एवं भारत सरकार द्वारा पदम् विभूषण से सम्मानित किया गया।
इस मौके पर उपस्थित डॉ. विजय सिंह मीना , सी.आर. ए . प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर ने किसानों को बीसा की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने किसानों को समय पर बुवाई के महत्व के बारे में बताया। इसके अलावा जलवायु अनुकूल कृषि के अंतर्गत जीरो टिलेज , मेड़ विधि , लैंड लेवेलर इत्यादि के बारे में भी जानकारी दी।
डॉ. राजकुमार जाट वैज्ञानिक एवं बीसा, पूसा प्रभारी ने बताया की पिछले एक दशक से समस्तीपुर स्थित बीसा लगातार बिहार के किसानों को बीज और नयी कृषि तकनीकों से मदद पहुँचा रहे हैं और जलवायु अनुकूल कृषि से सम्बंधित जानकारियों का विस्तारण कर रहे है ।
इस मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र, मुंगेर के डॉ. रीता लाल, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर और डॉ. अशोक कुमार कृषि इंजीनियर के अलावा बीसा के डॉ. विजय संदीप जकुला, डॉ. इल्लाथुर राजेश रेड्डी , डॉ. अर्पित ग़ौर एवं अन्य स्टाफ उपस्थित थे|