दरभंगा। हिन्दी समाहार मंच, दरभंगा की ओर से हिन्दी, मैथिली एवं बज्जिका के शीर्ष साहित्यकार स्मृतिशेष शंभु अगेही की 81 वीं जयन्ती का आयोजन, पूर्व अध्यक्ष डॉ ब्रह्मदेव प्रसाद कार्यी की अध्यक्षता में किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ साहित्यकार शंभु अगेही के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
इस अवसर पर डॉ ब्रह्मदेव प्रसाद कार्यी ने कहा कि वे सजग एवं संवेदनशील साहित्यकार थे।हिन्दी बाल साहित्य शोध संस्थान, बनौली के निदेशक डॉ सतीश चन्द्र भगत ने कहा कि-साहित्याकार शंभु अगेही साहित्यकारों के प्रेरणा स्रोत थे।मंच के अध्यक्ष अखिलेश कुमार चौधरी ने अपने संदेश में लिखा कि वे सिर्फ साहित्यकार ही नही, इतिहासकार और आध्यात्मिक पुरुष थे।
अधिवक्ता सफी उर रहमान ने कहा कि गुरुवर अगेही हिन्दी के साथ-साथ संस्कृत, अंग्रेजी के भी अच्छे ज्ञाता थे। प्रो आशुतोष कुमार वर्मा ने कहा कि वे कुशल शिक्षक के साथ साथ वे चतुर्दिक प्रतिभा के धनी थे।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करने वालो में साहित्यकार चंद्रेश, भारती कुमारी रंजना,हीरालाल सहनी,आशिष अकिंचन, रमण कुमार झा, शेखर कुमार श्रीवास्तव, मंजर सिद्दीकी, डा विश्वनाथ ठाकुर,डा अयूब राईन अमिताभ कुमार सिंहाआदि प्रमुख थे। कार्यक्रम का संचालन यूवा साहित्यकार महाकांत प्रसाद तथा धन्यवाद ज्ञापन अयूब राईन ने किया।