दरभंगा। आज बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ सीआईटीयू से संबद्ध बहादुरपुर प्रखंड कमेटी की ओर से राज्य कमेटी के आवाहन पर परियोजना कार्यालय पर प्रदर्शन कर मांग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं के द्वारा प्रखंड कार्यालय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भ्रमण कर परियोजना कार्यालय पहुंच, वहां पर शमशाद बेगम की अध्यक्षता में रैली किया गया।

रैली को संबोधित करते हुए कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ ट्रेड यूनियंस के जिला संयोजक फूल कुमार झा ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल 2022 को न्याय निदेश पारित कर आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं को सेवानिवृत्त होने पर ग्रेच्युटी उपादान का देने का आदेश दिया परंतु अभी तक भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा आदेश निर्गत नहीं किया जा रहा है। जिस कारण आंगनबाड़ी सेविका सहायिका में आक्रोश है।

उन्होंने कहा कि श्रम सम्मेलन में पारित फैसले को लागू नहीं कर हमें न्यूनतम मानदेय ₹26000 नहीं दिया जाता है। हमें सरकार द्वारा बधुआ मजदूर बना दिया गया है। कुपोषण को दूर करने के लिए पोषाहार की राशि का दर बहुत कम है। जबकि बाजार भाव में बेतहाशा वृद्धि हुआ है। इसलिए पोषाहार की राशि बाजार पर भाव आधारित दिया जाए। आईसीडीएस योजना के अंतर्गत बजट में वृद्धि किया जाए। दमनात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। पूरे देश में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका सहायकों को एक समान मानदेय दिया जाए तथा सेवा शर्त सुनिश्चित किया गया। घटिया मोबाइल के स्थान पर अच्छे किस्म का मोबाइल फोन दिया जाए साथ ही उसके रखरखाव के लिए राशि की व्यवस्था भी की जाए। एप चलाने के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। इन्हीं मांगों को लेकर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

इस अवसर पर सोनी कुमारी ने कहा कि हम बैठने वालों में नहीं हैं। इन सब मांगों को लेकर दिनांक 21 जुलाई 2022 को जिला पदाधिकारी के समक्ष विरोध प्रदर्शन करेंगे तथा मांग पत्र भी देंगे। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय आंगनवाड़ी सेविका सहायिका महासंघ के आवाहन पर दिनांक 26 जुलाई से 29 जुलाई तक दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देंगे। जिसमें हमें भी भाग लेना है।

रैली को देवता देवी, मीरा देवी, चांदनी कुमारी, रीना कुमारी, सीमा कुमारी, रागिनी रंजन,रीता देवी, रंजना कुमारी रूपा कुमारी, ललिता कुमारी, नीलम कुमारी, पूजा कुमारी आदि ने विचार व्यक्त करते हुए संघर्ष को तेज करने का आह्वान किया।