दरभंगा। 14 जुलाई । राष्ट्रभाषा हिंदी विकास परिषद की ओर से स्थानीय चौबे निवास स्थित एपेक्स शिक्षण संस्थान में महर्षि वेदव्यास जयंती समारोह का आयोजन संध्याकालीन 6:00 बजे से किया गया ।इसकी अध्यक्षता परिषद अध्यक्ष डॉ हीरालाल सहनी ने की।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ रामचंद्र चंद्रेश व विशेष अतिथि अखिलेश कुमार चौधरी डॉ धर्मेंद्र कुमार( चिकित्सक व दरभंगा एपेक्स शिक्षण संस्थान के निदेशक ) थे।कार्यक्रम का शुभारंभ गुरु वंदना काव्याभिनंदन से हुआ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा महर्षि वेदव्यास के तस्वीर पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन किया गया। आगत कवि लेखक व हिंदी प्रेमी गण भी पुष्प अर्पित किए।मुख्य अतिथि चंद्रेश ने कहा कि आज गुरु पूर्णिमा और व्यास पूजा भी है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा कहते हैं। हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। धर्म ग्रंथ के अनुसार इस दिन भगवान वेदव्यास विष्णु के अवतार का जन्म हुआ था। उन्होंने महाभारत के साथ-साथ कई महान ग्रंथों की रचना की। कौरव पांडव आदि सभी गुरु मानते थे ।जीवन में गुरु का महत्व है प्रेरणा स्रोत हैं।

विशिष्ट अतिथि अखिलेश कुमार चौधरी ने कहा कि वेदव्यास जी ने आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन से ब्रह्मा सूत्र की रचना शुरू की ।गुरु वह है जिनमें आकर्षण हो संस्कार हो ।गुरु अपने शिष्यों को ज्ञान के साथ-साथ जीवन में अनुशासन की कला सिखाते हैं। वेदव्यास का व्यक्तित्व व कृतित्व महान और प्रेरणादायक है। अध्यक्षीय संबोधन में कवि हीरालाल सहनी ने कहा कि प्राचार्य भगवान वेदव्यास यह कहकर अमर हैं,गुरु ही ब्रह्मा गुरु है, विष्णु है और गुरु ही महेश्वर हैं। अर्थात गुरु ही साक्षात परम ब्रम्ह है वेद व्यास का मूल मंत्र है परोपकार पुण्य होता है और परपीडन पाप है।भलाई करना ही सार्थकता है।

कार्यक्रम में विचार अभिव्यक्ति प्रदान करने वालों में झौली पासवान, महाकाल प्रसाद, दीनानाथ लाल, शंभू नारायण चौधरी ,अशोक भगत, राजन कार्तिकेय ,ललित प्रसाद गुप्ता आदि प्रमुख थे।कार्यक्रम का संचालन अमिताभ कुमार सिन्हा तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के निदेशक डॉ धर्मेंद्र कुमार ने किया।