कार्यक्रम में प्रो विश्वनाथ झा, डा आर एन चौरसिया, सुषमा कुमारी, रीता कुमारी, सूर्यकांत जी, अभिमन्यु एवं सुधांशु आदि ने रखे विचार।

भारतीय आजादी के अमृत महोत्सव काल में द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति के रूप में चयन महिलाओं, गरीबों व वंचितों का सम्मान- प्रो विश्वनाथ।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जीवन संघर्षपूर्ण व हमारे पथ प्रदर्शक एवं प्रेरणा के बड़े स्रोत- डा चौरसिया।

दरभंगा दिनांक 23 जुलाई, 2022, माय होम इंडिया, नई दिल्ली की दरभंगा शाखा के तत्वावधान में स्थानीय राजकीयकृत मध्य विद्यालय, बाजिदपुर- किलाघाट, दरभंगा में कार्यक्रम आयोजित कर भारत के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी गई। कार्यक्रम में सी एम कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो विश्वनाथ झा, बर्सर डा आर एन चौरसिया, प्रधानाध्यापिका सुषमा कुमारी, विज्ञान शिक्षक सूर्यकांत जी, नेसार अहमद, फरहाना मंजूम, शगुफ्ता बानो, मीना कुमारी, रीता कुमारी, राधामणि देवी, राशिद अकील, मंजू कुमारी, प्रवीण कुमार प्रभाकर, भगवान जी ठाकुर, सैयद मो बदरुद्दोजा, अभिमन्यु कुमार, सीमा नाज, कार्यक्रम संयोजक सुधांशु शेखर तथा संस्था के कार्यकर्ता ज्ञान रंजन आदि सहित विद्यालय के 130 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि के रूप में प्रो विश्वनाथ झा ने कहा कि महिलाओं एवं दलित वर्ग से द्रोपदी मुर्मू का राष्ट्रपति के रूप में चयन भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है। इससे विश्व भर में यह संदेश जा रहा है कि भारत में कोई भी व्यक्ति सर्वोच्च पद पर जा सकता है। इससे समाज के एक बड़े वर्ग में शिक्षा तथा विकास का नवजागरण होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय आजादी के अमृत महोत्सव काल में द्रोपदी मुर्मू का राष्ट्रपति के रूप में चयन महिलाओं, गरीबों वंचितों के साथ ही 11 करोड़ से अधिक आदिवासी समुदाय के सम्मान का प्रतीक है।

मुख्य वक्ता के रूप में सी एम कॉलेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया ने विस्तार से द्रौपदी मुर्मू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इनका जीवन काफी संघर्षमय रहा है जो सामाजिक परिवर्तन का सूचक है। द्रौपदी मुर्मू शिक्षक, विधायक व राज्यपाल रहने के बाद राष्ट्रपति के रूप में देश के सर्वोच्च पद को सुशोभित करेंगी। आज वे अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़े, गरीबों एवं महिलाओं के प्रेरणा स्रोत हैं। उनके जीवन में अनेकानेक भीषण स्थिति उत्पन्न हुई, परंतु वे विचलित नहीं हुई। हम सभी द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चयन पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं मंगलकामना देते हुए उम्मीद करते हैं कि वे न केवल पद की गरिमा को बढ़ाएंगी, बल्कि आने वाले समय में अनेकानेक आदर्श भी स्थापित करेंगी।

विशिष्ट वक्ता के रूप में शिक्षक अभिमन्यु कुमार ने द्रौपदी मुर्मू से संबंधित अनेक रोचक जानकारी देते हुए बताया कि ये पहली आदिवासी एवं दूसरी महिला राष्ट्रपति बनी हैं। द्रौपदी भारत में अब तक के सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति भी हैं, जिनका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ था।
आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए माय होम इंडिया के दरभंगा प्रभारी सह कार्यक्रम संयोजक सुधांशु शेखर ने बताया कि माय होम इंडिया एक राष्ट्रीय गैर-लाभकारी स्वयंसेवी संस्था है जो राष्ट्रवादी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है। संस्था द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में पूरे भारत में 21 से 23 जुलाई के बीच 1000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।

कार्यक्रम संयोजक सुधांशु ने बताया कि माय होम इंडिया के संस्थापक सुनील देवधर हैं, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। संस्था मुख्य रूप से पूर्वोत्तर भारत के लोगों को भारत की मुख्य धारा और संस्कृति से जोड़ने का काम बेहतरीन ढंग से कर रही है।

कार्यक्रम का प्रारंभ राष्ट्रीय गान जन मन गण… से हुआ, जबकि अंत में संस्था द्वारा लोगों का मुंह मीठा कराकर द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चयन पर प्रसन्नता व्यक्त किया गया।
आगत अतिथियों का स्वागत विज्ञान शिक्षक सूर्यकांत जी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन शिक्षिका रीता कुमारी ने किया।