ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की वित्त समिति की महत्वपूर्ण बैठक कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह की अध्यक्षता में हुई, जिसमें वित्तीय परामर्शी कैलाश राम, सदस्य प्रो नारायण झा तथा अरविंद सिंह, सहायक वित्त पदाधिकारी डा श्रीमोहन झा तथा विशेष आमंत्रित सदस्य प्रो मुश्ताक अहमद आदि उपस्थित हुए।

बैठक में निर्णय लिया गया कि कैग के लंबित कंडिका 38.1 के आलोक में मृत कर्मियों के नाम दिए गए 36.16 लाख रुपये के अग्रिम का उपलेखन करने के संबंध में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय की स्थिति की विवरणी शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराते हुए सामान्य वित्तीय नियम 35 एवं 63 के द्वारा विश्वविद्यालय को उपलेखन करने का अधिकार है या नहीं, की जानकारी प्राप्त की जाए।

विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न कार्यों के संपादन हेतु दिए गए अग्रिम का लेखा-जोखा वर्ष 2010 से अद्यतन अवधि का ब्योरा आगामी बैठक में प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया। साथ ही श्रम मंत्रालय, बिहार सरकार के द्वारा निर्गत अधिसूचना के आलोक में विश्वविद्यालय में आकस्मिक मजदूरी पर कार्यरत कर्मियों को नए दर से भुगतान करने का निर्णय लिया गया तथा अगली बैठक में उनकी सूची उपलब्ध कराने का निर्णय लिया जाएगा।

बैठक के प्रारंभ में सभी सदस्यों ने कुलपति महोदय को भारतीय विश्वविद्यालय संघ के गवर्निंग काउंसिल के सम्मानित सदस्य बनाए जाने हेतु हार्दिक बधाई दी।

माननीय कुलपति सह अध्यक्ष वित्तीय समिति प्रोफेसर एस पी सिंह द्वारा निर्देशित किया गया कि परीक्षा विभाग में जितने भी कर्मियों को अग्रिम राशि दी गई है, उसके सामंजन के लिए त्वरित कार्रवाई की जाए। विश्वविद्यालय के अन्य विभागों में भी जिन कर्मियों को अग्रिम राशि दी गई है, उसका सामंजन भी यथाशीघ्र किया जाए। अन्यथा उनके वेतन भुगतान पर रोक लगाई जाएगी। सदस्यों के द्वारा ऐसे कर्मियों को 1 महीने का माह का समय देने की बात कही गई, जिसे बैठक में स्वीकार कर लिया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आगे से चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के नाम अग्रिम राशि नहीं दी जाएगी।

सदस्यों का स्वागत कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन वित्तीय परामर्शी कैलाश राम ने किया।