दरभंगा से 132 लोगों का तीर्थयात्रा दल जगन्नाथ पुरी के लिए रवाना हुआ। जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा का कार्यक्रम चल रहा है, जिनकी वापसी, समापन में भाग लेने के लिए दरभंगा से ये भक्तजन जगन्नाथपुरी जा रहे हैं।

दरभंगा पर्यटन संस्थान के बैनर तले इस वर्ष यह तीसरी यात्रा है। मार्च महीने में हिंदू यात्रियों का दल वाराणसी से दर्शन कर लौटा है, जबकि मुस्लिम यात्रियों का जियारत दल देवा शरीफ (लखनऊ) से जियारत कर लौटा है।

मालूम रहे कि जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2019 के बाद कोरोना काल के कारण 2020 और 21 में स्थगित था। 2 साल के बाद तीसरे वर्ष यह रथयात्रा निकली है। यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ 9 दिन के लिए अपने मामा के गांव जाते हैं और उसके बाद उनकी वापसी होती है।

मान्यता है कि वी बीमार पड़ने पर अपने मामा के यहां घर से 4 किलोमीटर दूर एकांत में बसे गुंडिचा गावँ जाते हैं। इस दौरान वे किसी से नही मिलते। आज के युग में एक तरह से उनके युग का यह कोरोना काल की तरह है। कोरोना काल में भगवान जगन्नाथ में इस ऐतिहासिक मान्यता कोयोग इस रूप में देखते हैं कि पूर्व में भी लोगों को कोरोंटीन होना पड़ता होगा।

बहरहाल रथयात्रा के दरमयान पूरा जगन्नाथपुरी भक्तिमय माहौल में डूबा रहता है। लाखों की भीड़ यहां इकट्ठा होकर उस रथ यात्रा की रस्सी खींचना अपना सौभाग्य समझती है। भगवान जगन्नाथ शनिवार को अपने घर की ओर लौटेंगे। दो दिन तक मंदिर के बाहर उनकी पूजा-अर्चना होगी और फिर मंगलवार को वे अपने घर (मंदिर) में वापस जाएंगे।

मालूम रहे कि दरभंगा पर्यटन संस्थान के बैनर तले 2014 से तीर्थ यात्रा एवं जियारत के लिए विभिन्न तीर्थ स्थानों एवं दरगाह पर अलग-अलग लोग जाते रहे हैं, जिसमें अधिकतर वृद्धजन एवं गरीब लोग होते हैं। अबतक तीन हज़ार से अधिक लोगों ने इस दौरान तीर्थाटन एवं जियारत में हिस्सा लिया है। इस बार की यात्रा के भक्तजन जगन्नाथपुरी वापसी पर देवघर में बाबा के मंदिर में जल अर्पण करेंगे एवं बासुकीनाथ भी जाएंगे। 13 जुलाई, मंगलवार को तीर्थयात्री दरभंगा लौटेंगे।

दरभंगा से इस यात्रादल को विदा करने के लिए उनके परिजन सहित इलाके के लोग और कई मुस्लिम समुदाय के लोग भी दरभंगा स्टेशन पहुंचे और सौहार्दपूर्ण वातावरण में इन्हें विदा किया।

दरभंगा पर्यटन संस्थान के संरक्षक वार्ड न 21 की पार्षद मधुबाला सिन्हा के नेतृत्व में जा रहे इस यात्रादल में 80 महिलाएं हैं। इनमें से दो दर्जन से अधिक लोग पहली बार जगन्नाथ पुरी की यात्रा कर रहे हैं।