*इग्नू के जुलाई सत्र में ऑनलाइन नामांकन एवं पुनर्नामांकन की तिथि विश्वविद्यालय द्वारा छात्रहित में 12 अगस्त तक विस्तारित*

*दुनिया का सबसे बड़ा मुक्त विश्वविद्यालय इग्नू में नामांकन क्षेत्र, अवस्था, समय व अंकों की बाध्यता से मुक्त- डा कामेश्वर*

*इग्नू की उच्च स्तरीय अध्ययन सामग्री को पढ़कर छात्र प्राध्यापक व प्रशासक आदि बनकर करें राष्ट्र- निर्माण में योगदान- डा चौरसिया*

*सी एम कॉलेज के इग्नू अध्ययन केन्द्र में सभी को दी जाती है सम्मानपूर्वक हर प्रकार की छात्रोपयोगी जानकारी- समन्वयक*

सी एम कॉलेज, दरभंगा के इग्नू अध्ययन केन्द्र के तत्वावधान में स्थानीय मदारपुर, दरभंगा स्थित राजकीय अंबेडकर कल्याण छात्रावास में छात्रों के बीच इग्नू- नामांकन जागरूकता अभियान के तहत इग्नू- नामांकन, अध्ययन- सामग्री, परीक्षा- पद्धति तथा विभिन्न कोर्सों की विस्तार से जानकारी दी गई।

अतिथियों का स्वागत करते हुए 200 आसन, राजकीय अंबेडकर कल्याण छात्रावास, मुगलपुरा, दरभंगा के अधीक्षक डा विष्णुदेव मोची ने कहा कि हमारे छात्रों के लिए सौभाग्य की बात है कि वे इग्नू के कई निःशुल्क कोर्सों में नामांकन लेकर अपने कैरियर को सफल बना सकते हैं। वहीं मिथिला विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव प्रथम सह 100 आसन छात्रावास के अधीक्षक डा कामेश्वर पासवान ने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा मुक्त विश्वविद्यालय इग्नू में नामांकन हेतु क्षेत्र,अवस्था, समय व अंकों की कोई बाध्यता नहीं होती है। इसमें 40 लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिसका कुलाधिपति राष्ट्रपति होते हैं।

इग्नू से प्राप्त डिग्रियां पूर्णतः मान्यता प्राप्त और रोजी- रोजगार परक होते हैं। इसमें वे लोग भी नामांकन ले सकते हैं जो कहीं नियमित रूप से पढ़ाई कर रहे हैं, नौकरी कर रहे हैं, घरेलू काम कर रहे हैं अथवा किसी कारण से नियमित रूप से महाविद्यालय जाकर पढ़ाई नहीं कर सकते हैं। नामांकन हेतु इग्नू में अनुसूचित जाति व जनजाति छात्रों के लिए अनेक सुविधाएं हैं, जिसका लाभ यहां के छात्रों को अधिक से अधिक उठाना चाहिए।

सी एम कॉलेज के इग्नू समन्वयक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि कोई भी छात्र कहीं भी अपनी नियमित पढ़ाई करते हुए सी एम कॉलेज, दरभंगा में इग्नू के सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा, स्नातक या स्नातकोत्तर कोर्सों में नामांकन लेकर अपनी पढ़ाई नियमानुसार सुचारू रूप से कर अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। उन्हें कहा की इग्नू में नामांकन, परीक्षा फॉर्म भरना, हॉल टिकट प्राप्ति तथा परीक्षा परिणाम आदि सभी ऑनलाइन माध्यम से होता है, जबकि असाइनमेंट घर पर ही बनाकर इग्नू अध्ययन केन्द्र पर जमा करना होता है। इग्नू शिक्षा का लोकतांत्रिकरण कर उसे विद्यार्थियों के घर तक पहुंचाने में सफल हो रहा है। इसी कारण इसे जन-जन का विश्वविद्यालय कहा जाता है।

समन्वयक ने कहा कि इग्नू के स्नातक सामान्य, सर्टिफिकेट व डिप्लोमा सहित 55 कोर्सों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों के लिए नामांकन निःशुल्क है। नामांकन सुनिश्चित होने के बाद इग्नू मुख्यालय से विद्यार्थियों के घर डाक द्वारा अध्ययन सामग्री पहुंचा दी जाती है। छात्र घर पर ही स्वाध्याय कर असाइनमेंट, प्रोजेक्ट कार्य व परीक्षा की तैयार करते हैं। कठिनाई होने पर केन्द्र में उपलब्ध काउंसलर का सहयोग ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है।
डा चौरसिया ने कहा कि इग्नू की उच्च स्तरीय अध्ययन- सामग्री का अध्ययन कर छात्र प्राध्यापक, प्रशासनिक अथवा अन्य पदों पर जाकर समाजसेवा तथा राष्ट्र- निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

सी एम कॉलेज के अध्ययन केन्द्र में सभी विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को सम्मान पूर्वक हर प्रकार की छात्रोपयोगी जानकारियां दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि कोई भी छात्र सी एम कॉलेज के इग्नू अध्ययन केन्द्र में कैरियर काउंसलिंग कराकर अपनी रुचि, क्षमता व जरूरत के अनुसार मनचाहा कोर्सों में नामांकन लेकर अपने सपनों को ऊंची उड़ान दे सकते हैं। यहां 50 से अधिक कोर्स उपलब्ध हैं, जिनमें नामांकन लेकर इच्छित नौकरी, रोजगार व स्वरोजगार पाप्त कर सकते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि छात्र सी एम कॉलेज के इग्नू में नामांकन लेकर प्रमाण पत्र के साथ- साथ ज्ञान- भंडार भी प्राप्त करें।

जीकेपीडी कॉलेज करपुरीग्राम के मनोविज्ञान के प्राध्यापक दास शंभू ठाकुर ने इग्नू में उपलब्ध विविध कोर्सों की विस्तार से चर्चा करते हुए छात्रों से संस्कृत, ज्योतिष, हिन्दी व अंग्रेजी आदि कोर्सों में नामांकन लेने की छात्रों को सलाह दी, ताकि कम भीड़भाड़ वाले विषय पढ़ने से नौकरी जल्द मिल सके।
इग्नू नामांकन जागरूकता कार्यक्रम को शिव कुमार ठाकुर, डा कमल कुमार राम, धर्मवीर साफी, मुरारी, रजनीश कुमार महतो, सौरभ पासवान, प्रवीण कुमार साफी, संतोष कुमार राम तथा राजेश कुमार महतो आदि अपने इग्नू से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे, जिनका समन्वयक ने संतोषजनक ढंग से उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांति प्रदान की।
कार्यक्रम का संचालन मंतोष कुमार महतो ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन बिट्टू गोयल ने किया।