लखनऊ।पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह के पकड़े जाने के बाद यूपी आतंक निरोधी दस्ता (एटीएस) हबीबुल की कुंडली खंगालने के लिए मंगलवार को फतेहपुर पहुंची।एटीएस ने नई बस्ती और सैयदवाड़ा में कुछ लोगों से पूछताछ भी की है। इसके बाद हबीबुल के करीबी लोगों से संपर्क में जुटी है। एटीएस को हबीबुल के मोबाइल से कुछ संदिग्ध नंबर मिलने की खबर है।उन नंबरों की जांच करते हुए एटीएस जिले में पहुंची है।
आपको बता दें कि आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह मोबाइल नंबरों के आधार पर अलग-अलग वर्चुअल आईडी बनाई थी।जांच में आईडी के आईपी एड्रेस के जरिए कुछ संदिग्धों को ट्रेस किया गया है।इस आधार पर एटीएस टीम ने फतेहपुर में पूछताछ शुरू कर दी है।जांच में पता चला है कि हबीबुल के करीबी महाराष्ट्र और गुजरात में हैं।हबीबुल गुजरात से वापस आया था और इसके बाद उसकी गतविधियां तेज हो गई थी।एटीएस टीम परिवार और मिलने-जुलने वालों पर नजर जमाए हुए है।
हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह के पिता जफरूल इस्लाम का कहना कि वो बेटे से मिलने जाएंगे।उनका कहना है कि देशद्रोह के सच को जानेंगे अगर बेटा दोषी होगा तो उसे कभी माफ नहीं करेंगे और चार में से एक बेटे को मरा मान लेंगे।बड़ी मुश्किलों से बच्चों की परवरिश की है।सीओ सिटी डीसी मिश्रा ने बताया कि एलआईयू और आईबी की टीमें भी सक्रिय हैं. एटीएस के बारे में जानकारी नहीं है.
*गुजरात के मदरसे से भगाया गया था हबीबुल*
मिली जानकारी के अनुसार हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह अपनी गलत गतिविधियों के कारण गुजरात के मदरसे से भगाया गया था।इसके बाद हबीबुल का नाम प्रतापगढ़ में लिखाया गया था और वहां से भी पढ़ाई छोड़कर चला आया था।हबीबुल की गतिविधियों के बारे में पड़ोसियों और दोस्तों को जानकारी थी।पड़ोस के लड़कों ने हबीबुल से दूरी बना ली थी।हबीबुल सभी को जिहाद के लिए उकसाया करता था और
पाकिस्तान,अफगानिस्तान,बांग्लादेश में रहने वाले कौम के लोगों की मदद करने के लिए कहता था,मुस्लिमों के साथ होने वाली क्रूरता के वीडियो दिखाकर जिहाद के लिए उकसाया करता था।घरवाले कहीं न कहीं हबीबुल की मानसिकता जान चुके थे।काफी दिनों से हबीबुल और पिता के बीच विवाद चल रहा था।पिता ने हबीबुल को सही राह पर लाने के लिए घर में खाना पानी बंद कर दिया था।
*इस तरह बनाता था फर्जी आईडी*
गलत राह दिखाने वाले इस्लामिक संगठनों के वीडियो देखकर जैश-ए-मोहम्मद से हबीबुल जुड़ा था। हबीबुल को आतंकी संगठन के लोगों ने ही फर्जी आईडी बनाना सिखाया था और ये भी बताया गया था कि कुछ दिनों में उसे फिर से नई आईडी बनानी होगी।कुछ करीबी लोगों ने बताया कि आईडी बनाने के लिए दोस्तों के मोबाइल का इस्तेमाल करता था।बहाने से मोबाइल लेता था और उसके बाद आईडी बनाता था।आईडी बनाने के दौरान मोबाइल अपने पास ही रखता था।ओटीपी मैसेज को चेक करने के बाद डिलीट कर देता था। हबीबुल की अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश के संगठनों से अक्सर बातचीत होती थी।
*पिता ने हबीबुल को घर से था भगाया*
पिता जफरूल इस्लाम ने हबीबुल को घर से भगा दिया था। इसके बाद हबीबुल अलग-अलग दोस्तों के घरों में कुछ दिन के लिए ठहरता था।जिस दिन हबीबुल को एटीएस ने रास्ते में पकड़ा उस दिन वो बाइक से दोपहर लगभग तीन बजे नमाज पढ़ाकर अपने किसी दोस्त के घर जा रहा था। हबीबुल के पकड़े जाते ही लोगों में चर्चा हो गई थी कि बड़ी घटना को अंजाम दिया होगा या फिर घटना की योजना बना रहा होगा। एटीएस ने हबीबुल और उसके साथी को पकड़ने के बाद सीधे कानपुर हाईवे पर ले गई थी।एटीएस ने हबीबुल की बाइक फतेहपुर के मलवां थाने में पुलिस को सुपुर्द की।बाइक हबीबुल के बड़े भाई फकरूल इस्लाम के नाम से रजिस्टर्ड है।
हबीबुल 2019 में कोरोना काल के समय इटावा से लौटकर घर आया था।मोबाइल में आतंकी संगठनों के वीडियो को देखकर जिहाद के रास्ते पर चलना शुरू कर दिया था। मोबाइल पर वीडियो देखने के बाद लिंक के माध्यम से आतंकी संगठनों के संपर्क तक पहुंचा। हबीबुल का ब्रेन वॉश आतंकी संगठनों ने किया था।हबीबुल चाकू लेकर चलता था।चाकू को कई लोगों ने देखा था।हबीबुल के मामले में सनसनीखेज बात सामने आई है।पकड़े जाने के लगभग 10 दिन पहले हबीबुल को मस्जिद का पेश इमाम बनाया गया था। हबीबुल को पेश इमाम बनाने वाले का अभी पता चल सका है।सैय्यदवाड़ा निवासी मदरसा शिक्षक जफरूल इस्लाम के बेटे हबीबुल को एटीएस ने 14 अगस्त को पकड़ा था।
हबीबुल के पकड़े जाने पर नई बस्ती, आबूनगर और सैय्यदवाड़ा मोहल्ले में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। हबीबुल के साथ रहने वाले लोगों से बातचीत में सामने आया कि नई बस्ती पकड़े में जाने से 10 दिन पहले नई बस्ती की मस्जिद में पेश इमाम बना था और वहां लोगों को पांच वक्त की नमाज पढ़ाता था।हबीबुल नमाज में आने वाले नमाजियों को भटका सकता था। हबीबुल खर्चा-पानी के लिए आबूनगर, सैय्यदवाड़ा में कुछ बच्चों का ट्यूशन पढ़ाता था।बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि सही समय पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है, वरना उनके बच्चों को भी बरगला सकता था।
नई बस्ती से एटीएस ने आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह के साथ उसके एक दोस्त को भी पकड़ा था।आतंकी हबीबुल बचपन से इस दोस्त के साथ पढ़ा था।एटीएस से छूटने के बाद हबीबुल का दोस्त घर पहुंचा है और इसके बाद से घर से बाहर नहीं निकला।उसके भाई ने बताया कि उसका छोटा भाई लगभग 16 साल का है।उसके अंदर धरपकड़ की दहशत भरी हुई है।लखनऊ से आने के बाद एक कमरे में रह रहा है। पकड़े जाने के बाद ही एटीएस ने उसे पहले ही छोड़ने का आश्वासन दिया था।उसका नसीब अच्छा और अल्लाह का रहम था।एटीएस ने हबीबुल और उसे अलग-अलग कमरे में रखकर पूछताछ की। उसके भाई से कुछ खास पूछताछ नहीं हुई।उससे हबीबुल के साथ कब से होने और हबीबुल की हरकतों के बारे में पूछताछ की गई।
(सौ स्वराज सवेरा)