सौभाग्यशाली ही बनते हैं शिक्षक : डॉ0 देवनारायण
कर्तव्य का बोध कराता है सम्मान समारोह: प्रोवीसी
संस्कृत विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर सम्मानित हुए पदाधिकारी, शिक्षक व कर्मी

दरभंगा। शिक्षक दिवस के अवसर पर संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल में आयोजित सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए सोमवार को कुलपति डॉ0 शशिनाथ झा ने कहा कि स्वध्याय शिक्षक का मूल लक्षण होना चाहिए। इसी के सहारे छात्रों की उत्कंठा व जिज्ञासा को शांत किया जा सकता है। अन्यथा छात्र शिक्षक से दूर होते चला जाता है। वहीं सम्मानित हुए पूर्व कुलपति व सेवा निवृत्त शिक्षक डॉ देवनारायण झा ने कहा कि आप चाहें तो कोई पद पा सकते हैं लेकिन हर कोई शिक्षक नहीं हो सकता। यह मौका तो सौभाग्यशाली लोगों को ही मिलता है।

डॉ झा ने आगे कहा कि छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को खुद छात्रों से ज्यादा पढ़ने की जरूरत है। ध्यान रहे कि छात्रों को अचार-व्यवहार, दर्शन, संस्कार व संस्कृति मूलतः शिक्षक ही प्रदान करते हैं। इसलिए शिक्षक विद्या की सेवा करे, उपासना कर। तभी शिक्षा जगत पुष्पित- पल्लवित होगा।सर्वपल्ली राधाकृष्णन, रविन्द्र नाथ टैगोर,गोपाल कृष्ण गोखले का नाम लेते हुए पूर्व कुलपति डॉ झा ने आगाह किया कि छात्र इनदिनों शिक्षक से दूर होते जा रहे हैं जो बेहद ही चिंताजनक है।

वहीं पदाधिकारी संवर्ग से सम्मानित प्रोवीसी डॉ सिद्धार्थ शंकर सिंह ने कहा कि प्रभु की विशेष कृपा से ही सही मायने में कोई शिक्षक बन पाता है।सम्मान समारोह पर फोकस करते हुए उन्होंने कहा कि सम्मानित होने के बाद कर्तव्यबोध की बेहिसाब अनुभूति बढ़ जाती है। शिक्षकों का मूल कर्तव्य है बच्चों को शिक्षण व शैक्षणिक गतिविधियों से जोड़े रखना। इसलिए हमलोग संकल्पित हों कि कर्तव्यों का संजीदगी से निर्वहन हो।

इसी तरह शिक्षक कोटि से सम्मानित पूर्व कुलपति डॉ उमेश शर्मा ने कहा कि जो शिक्षण करता है,शिक्षा देता है वही शिक्षक है।किसी को पढ़ाना गौरव की बात है। छात्रों को कैसे विद्यावान बनाएं, इस पर मंथन जरूरी है। वहीं शिक्षक पदाधिकारी के रूप में सम्मानित डीआर प्रथम डॉ दीनानाथ साह ने शिक्षक को ब्रह्मा, विष्णु, महेश बताया।आने को शैक्षणिक कार्यों से जोड़े रखने की भी उन्होंने अपील की। कर्मचारी नेता डॉ अनिल झा ने भी सम्मानित होने पर गर्व महसूस लड़ते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के हित मे जो कार्य दिया जाएगा उसे वह सहर्ष पूर्ण करेंगे। सेवानिवृत कर्मी शिवानन्द मिश्र ने भी हर सम्भव सहयोग का भरोसा दिलाया।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि व्याकरण विभाग की प्रध्यापिका डॉ साधना शर्मा के संचालन में सम्पन्न सम्मान समारोह को विधि पदाधिकारी डॉ नवीन झा ने भी सम्बोधित किया। वेद पाठ डॉ सत्यवान कुमार व डॉ दयानाथ झा ने, कुलगीत छात्रा मीना व वीणा ने प्रस्तुत किया। वहीं जोरदार स्वागत भाषण डॉ दिलीप कुमार झा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डीएसडब्ल्यू डॉ सुरेश्वर झा ने किया।

बता दें कि 2012 ई. से प्रारम्भ किये गये इस सम्मान समारोह में प्रतिवर्ष विश्वविद्यालय के हित में सर्वोत्कृष्ट कार्य करने वाले कुल छह व्यक्तियों को सम्मानित किया जाता है जिनमें से सेवानिवृत्त शिक्षक, कार्यरत शिक्षक, पदाधिकारी, शिक्षक-पदाधिकारी, सेवानिवृत्त कर्मचारी और कार्यरत कर्मचारी को पाग, चादर, स्मृतिचिह्न, विश्वविद्यालय का प्रकाशन और सम्मानपत्र प्रदान कर विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति या उनके द्वारा अधिकृत अन्य पदाधिकारियों द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाता है।