राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर दरभंगा अपनी 47 वां स्थापना दिवस के अवसर पर होने वाले भव्य कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी हैं।
प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया की इस वर्ष संस्थान अपनी 47 वां स्थापना दिवस मनाएगा। इस अवसर पर चिकित्सा के क्षेत्र में ज्योतिष की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 15 एवं 16 सितंबर 2022 को आयोजित किया जाएगा। इसमें आयुर्वेद के साथ-साथ अन्य चिकित्सा पद्धतियों के चिकित्सकों के भाग लेने की संभावना है। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं पोषाहार विषय पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी। जिसमें जड़ी बूटीयों एवं विभिन्न आयुर्वेद कंपनियों का अपने -अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया जायेगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय दरभंगा द्वारा पोषाहार पर पोस्टर प्रदर्शनी एवं जीविका दरभंगा, बाल विकास परियोजना दरभंगा, सिविल सर्जन दरभंगा , केयर इंडिया दरभंगा इत्यादि द्वारा स्वास्थ्य एवं पोषाहार पर विशेष जानकारी हेतु अपनी-अपनी स्टॉल लगाए जाएंगे। जिसमें स्वास्थ्य संवर्धन, विशेष रूप से महिला एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य हेतु जानकारी दी जाएगी।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, माननीय उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव को संस्थान की ओर से आमंत्रण भेजा गया है। इनके साथ ही अन्य माननीय मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है, जिसमें श्री आलोक कुमार मेहता, श्री संजय झा, श्री ललित कुमार यादव,श्री मदन सहनी,डॉ शमीम अहमद ,श्री गोपाल जी ठाकुर, श्री संजय सरावगी एवं जिला के सभी विधायकों को आमंत्रित किया गया है। जिसमें श्री आलोक कुमार मेहता एवं श्री मदन सहनी के द्वारा आमंत्रण स्वीकार किया जा चुका है।
इस अवसर पर संस्थान के मोहनपुर कैंपस में महारानी रमेश्वरी, पंडित मुकुंद झा , बाबू सरयुग ठाकुर, डॉ रामकरण शर्मा, महर्षि निमि एवं आयुर्वेद के आराध्य देव भगवान धन्वंतरी की मूर्ति का अनावरण किया जाएगा। कामेश्वर सिंह आयुर्वेदिक अस्पताल, कामेश्वर नगर में भी महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह एवं आयुर्वेद के आराध्य देव भगवान धन्वंतरी की मूर्ति का अनावरण किया जाएगा।
चिकित्सा के क्षेत्र में ज्योतिष की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा। जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से आयुर्वेद एवं ज्योतिष के विद्वान भाग लेंगे। सभी विद्वतजन अपने चिकित्सकीय अनुभव को साझा करेंगे, जिससे चिकित्सा के क्षेत्र में ज्योतिष की भूमिका पर एक नया वैज्ञानिक मार्ग प्रशस्त होगा। आयुर्वेद एवं ज्योतिष के क्षेत्र में मिथिलांचल का उत्कृष्ट योगदान रहा है । महर्षि निमि मिथिला के प्रथम राजा थे। वे मनु के पौत्र, इक्ष्वाकु के पुत्र ,आयुर्वेद एवं ज्योतिष के आचार्य थे । वे प्राचीन कान,गला और नेत्र रोग विज्ञान के प्रथम ख्याति प्राप्त वैद्य थे। महर्षि गौतम न्याय दर्शन के जनक रहे हैं। वे आयुर्वेद एवं ज्योतिष के भी ज्ञाता थे।
दरभंगा के महाराज रमेश्वर सिंह की गणना ज्योतिष के अच्छे विद्वानों में की जाती है।इसी से उत्प्रेरित होकर महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह ने अपने जीवन काल में ही कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। जिसमें ज्योतिष का अलग विभाग स्थापित किया गया है।विद्वानों एवं तर्कशास्त्रियों की भूमि रहीं मिथिलांचल के ह्रदय स्थली दरभंगा में आयोजित होने जा रही इस संगोष्ठी से आयुर्वेद एवं ज्योतिष के समन्वयात्मक संबंध पर प्रकाश पड़कर जनोपयोगी सिद्ध होगा।
सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के क्षेत्रीय कार्यालय के सांस्कृतिक दल द्वारा संध्या में नुक्कड़ नाटक एवं स्वास्थ्य पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जाएगा। इस समारोह की सफलता के लिए प्रमंडलीय आयुक्त डॉ मनीष कुमार, जिलाधिकारी श्री राजीव रौशन, नगर आयुक्त दरभंगा, बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.एन सिन्हा, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पंडित शशिकांत झा, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय,पटना के कुलपति डॉ एस. पी सिंह, कुलसचिव डॉ राकेश सिंह,राज्य आयुष समिति, बिहार के कार्यपालक निदेशक श्री अंशु अग्रवाल एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री प्रत्यय अमृत के साथ-साथ सभी पदाधिकारी अपने-अपने स्तर से सफलता के लिए प्रयास कर रहे हैं।