दरभंगा/संवदिया 13 सितम्बर,राष्ट्रवादी इंजीनियरिंग संगठन (NEO) केर बीसम ऑनलाइन बैठक रेडियोतरंगपरकेन्द्रित छल। दरभंगा आ मधुबनी इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा आयोजित बैसारक एंकर प्रज्ञा पुष्प कहलनि जे रेडियोवेव विभिन्न प्रकारक अछि जे मानव जाति लेल उपयोगी अछि। श्श्शहिमस्, वाराणसीमे मेडिसिन केर प्रोफेसर आ एनईओ केर संस्थापक डॉ.धनाकर ठाकुर कहलनि जे आइ बिना रेडियोवेव मानवता सोचि नहिं सकैत अछि आओर एकरा बारेमे जागरूकता कएल जाइ जेना कि हम चिकित्सामे सेहो बहुत तरंगक उपयोग करैत छी ।
आरआरईसी बंगलौर सँ विजयेन्द्र प्रतिहस्त कहलनव जे रेडियो तरंग एक प्रकारक विद्युत चुम्बकीय विकिरण थिक जकर तरंगदैर्ध्य विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रममे सबसँ लम्बा होइत छैक, जेकर आवृत्ति आम तौर पर ३०० गीगाहर्ट्ज (GHz) होइत छैक आ नीचाँ 300 गीगाहर्ट्जपर, तदनुसार तरंगदैर्ध्य 1 मिमी (चाउरक एक दानासँ छोट) होइत छैक 30 हर्ट्जपर तदनुसार तरंग दैर्ध्य 10,000 किलोमीटर (6,200 मील) (पृथ्वी केर त्रिज्यासँ सेहो लम्बा होइत छैक । सब विद्युत चुम्बकीय तरंग जकाँ वैक्यूममे रेडियो तरंग प्रकाशक गतिसँ यात्रा करैत छैक, रेडियोतरंग कृत्रिम रूपसँ एकटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण द्वारा उत्पन्न होइत छैक जेकरा ट्रांसमीटर कहल जाइत छैक जे एकटा एंटीनासँ जुड़ल रहैत छैक।जे तरंगक विकिरण करै छै । इ सब रेडियो रिसीवरसँ जुड़ल दोसर एंटीनासँ प्राप्त कएल जाइत छैक। जे प्राप्त संकेतकेँ संसाधित करैत अछि।
13 Sep 2022