दूरस्थ शिक्षा निदेशालय द्वारा संचालित बी.एड. (नियमित) में आज दिनांक 14/09/2022 को हिंदी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर हिंदी के चर्चित कवि एवं गीतकार गीतेश मुख्य अतिथि थे। विभागाध्यक्ष डॉ. अरविन्द कुमार मिलन ने मिथिला की परंपरा के अनुसार पुष्पगुच्छ, पाग एवं चादर से उनका स्वागत किया।

अपने स्वागत अभिभाषण में डॉ. अरविन्द कुमार मिलन ने कहा कि जब हम कहते हैं कि ‘हिंदी हैं हम’, तो हिंदी सिर्फ भाषा नहीं रह जाती, यह पहचान बन जाती है । हिंदी हम सब की पहचान की भाषा है और जो पहचान से जुड़ी चीज होती है उसका सम्मान किया जाता है । हमें प्रयास करना चाहिए कि हिंदी दिवस 14 सितम्बर से/तक जुड़ा न रहे, यह हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बने ।

मुख्य अतिथि गीतकार गीतेश ने इस अवसर पर हास्य-हास्य में हिंदी की महत्ता के साथ जीवन जीने की कला भी सिखा गए । छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी को आगे बढ़ाने, विकसित करने की जिम्मेदारी आप सभी भावी शिक्षकों के हाथ है । हिंदी राज भाषा से राष्ट्र भाषा कैसे बने, यह आप सभी को देखना एवं सुनिश्चित करना है । भाषा संस्कृति की अंग होती है, संस्कृति से ही हम जीवन एवं चारित्रिक मूल्यों को सीखते हैं। दूसरे अर्थ में, भाषा से ही हम मूल्यों को सीखते हैं । इसलिए अगर मूल्य एवं चरित्र पर आधारित समाज का निर्माण करना है, तो अपनी भाषा की जड़ों को न केवल मज़बूत करना होगा बल्कि, इसके तनों को भी विस्तार देना होगा। इस क्रम में उन्होंने अपनी कई स्वरचित कविताएँ भी सुनाई ।

कार्यक्रम के अंत में सहायक प्राध्यापक उदय कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया । मंच सञ्चालन बी.एड. छात्रा साक्षी सृजा ने किया । कार्यक्रम में बी.एड. (नियमित) के प्राध्यापक डॉ. निधि वत्स, डॉ. शुभ्रा, डॉ. कुमारी स्वर्णरेखा, डॉ. मिर्ज़ा रूहुल्लाह बेग, कुमार सत्यम, गोविन्द कुमार, डॉ. जय शंकर सिंह, डॉ. रेशमा तबस्सुम, किरण कुमारी, प्रसेनजित रॉय, डॉ. कुमारी बबिता रानी, सुनील कुमार गुप्ता, राजू कुमार, सुभागलाल दास एवं बी.एड. के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे ।