पिछले साल अप्रैल माह में एक भी महिला चिकित्सक के नहीं रहने से होती थी परेशानी

संस्थागत प्रसव के लिये बहादुरपुर पीएचसी से महिला चिकित्सक से करना पड़ता था संपर्क

विभाग की ओर से स्त्री रोग निवारण के लिये चार महिला डॉक्टरों की पोस्टिंग से बढ़ी सुविधा

#MNN@24X7 दरभंगा. 23 सितंबर. वर्षों पहले सदर प्रखंड में मरीजों के चिकित्सा के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना की गयी. उसके बाद कर्मियों की प्रतिनियुक्ति के साथ- साथ चिकित्सकों की पोस्टिंग की गयी, लेकिन महिला मरीजों की चिकित्सा के लिये एक भी महिला डॉक्टर नहीं थी. इस कारण उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में दिक्कत होती थी.

विभागीय जानकारी के अनुसार पिछले साल मई माह तक महिला के प्रसव, परिवार नियोजन व संबंधित स्त्री रोग के उपचार के लिये यहां एक भी महिला चिकित्सक नहीं थी. इसलिये बहादुरपुर पीएचसी से संपर्क कर महिला डॉक्टर को बुलाना पड़ता था. इस प्रक्रिया में विलंब होती थी. इस परिस्थिति में आपातकाल में आये महिला मरीजों को ही डीएमसीएच रेफर कर दिया जाता था.

वहीं विभाग की ओर से चलाये जा रहे महिला स्वास्थ्य संबंधी अभियान प्रभावित होती थी, लेकिन अब यहां एक नहीं चार- चार डॉक्टरों की ड्यूटी लगायी गयी है. पिछले साल जून माह में पहली महिला चिकित्सक आने से मरीजों को चिकित्सा संबंधी सुविधा मुहैया कराया गया. उसके चार माह बाद एक और महिला डॉक्टर की पोस्टिंग की गयी. इस वर्ष अप्रैल माह में दो और महिला चिकित्सक के आने से महिला संबंधित सभी उपचार सफलता पूर्वक किया जाने लगा. परिणामस्वरूप ओपीडी व संस्थागत प्रसव की संख्या में दिनानुदिन इजाफा होता चला गया. वहीं विभाग की ओर से महिला संबंधी कल्याणकारी योजनाओं में सकारात्मक परिणाम सामने आने लगा.

सामान्य प्रसव के लिये अब नहीं किया जाता रेफर
पिछले साल तक सदर पीएचसी में सामान्य प्रसव की सुविधा भी नहीं थी. यहां प्रसव के लिये पहुंचने के बाद महिला मरीज को तुरंत डीएमसीएच रेफर कर दिया जाता था. वहीं बहादुरपुर के चिकित्सक के पहुंचने पर इक्का- दुक्का ही संस्थागत प्रसव का केस हो पाता था, लेकिन अब किसी भी सामान्य महिला को संस्थागत प्रसव के लिये अन्यत्र नहीं जाना पड़ता है, केवल सर्जरी के लायक महिला मरीज को ही डीएमसीएच रेफर किया जाता है.

इस प्रकार यह स्वास्थ्य केन्द्र संस्थागत प्रसव के केन्द्र के रूप में उभर रहा है. सदर पीएचसी प्रभारी डॉ उमाशंकर प्रसाद ने बताया कि पहले महिला डॉक्टर के नहीं रहने पर बहुत समस्या होती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. महिला मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के लिये 24 घंटे महिला डॉक्टर की डयूटी लगायी गयी है. इससे आसपास के क्षेत्र के महिला मरीज व उनके परिजनों को सुविधा मिलने लगी है.

महिला परिजनों ने की प्रशंसा
सदर प्रखंड के समीप कबीरचक निवासी नूतन शुक्रवार को ओपीडी में महिला चिकित्सक से परामर्श लेने आयी. उसने कहा कि अब यहां पहले से बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मिल गयी है. पिछले साल तक महिला डॉक्टर के नहीं रहने के कारण वो लोग अपनी परेशानियों को लेकर यहां नहीं आते थे. पुरुष चिकित्सक से बात करने में असहजता महसूस होती थी, लेकिन अब महिला चिकित्सक के रहने से परेशानी दूर हो गयी है. बता दें कि उपचार के लिये आयी अन्य महिलाओं ने भी सुविधा बढ़ने पर खुशी व्यक्त की.

पिछले एक साल का सदर पीएचसी में संस्थागत प्रसव, ओपीडी व रेफर की संख्या
माह ओपीडी संस्थागत प्रसव डिलेवरी रेफर
अगस्त (2021) 233 65 03
सितंबर (2021) 236 86 02
अक्टूबर (2021) 334 55 00
नवम्बर (2021) 433 68 01
दिसंबर (2021) 283 72 01
जनवरी (2022) 331 63 04
फरवरी (2021) 443 76 02
मार्च (2021) 589 61 02
अप्रैल (2021) 399 49 06
मई (2021) 778 47 00
जून (2021) 933 49 04
जुलाई (2021) 1013 59 02
अगस्त (2021) 1512 85 00