#MNN@24X7 पंजाब में पठानकोट के सिविल अस्पताल में एक प्रवासी महिला की फर्श पर डिलीवरी हुई। अस्पताल में गर्भवती को उसका पति जंग बहादुर लेकर आया था। महिला को तेज लेबर पेन हो रही थीं। जंग बहादुर ने अस्पताल में स्टाफ और डॉक्टरों को रिक्वेस्ट किया कि उसकी पत्नी की हालत ठीक नहीं है उसे दाखिल कर लिया जाए, लेकिन उस गरीब की किसी ने एक ना सुनी।असंवेदनशीलता की हद तो यह है कि गर्भवती को लेबर पेन में ही अमृतसर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया, लेकिन दर्द से कराह रही महिला ने अस्पताल के रिसेप्शन के पास फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
इस सारे घटनाक्रम को कुछ लोगों ने सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किए जा रहे दावों की पोल खोलने के लिए अपने मोबाइल में कैद कर लिया। इस दौरान कुछ महिलाओं ने गरीब महिला को कपड़े से ढका।इससे भी बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि जब महिला की डिलीवरी हो गई और वह खून से लथपथ थी तो स्टाफ ने उसे स्ट्रेचर पर ले जाना भी उचित न समझा। फर्श पर बच्चे को जन्म देने वाली महिला को पैदल चला कर ही लेबर रूम तक ले जाया गया। जो वीडियो वहां पर लोगों ने बनाए हैं उसमें महिला के खून से सने पैरों के निशान अस्पताल के लेबर रुम तक जाते हुए साफ दिखाई दे रहे हैं।
मामले पर लीपापोती करने के लिए अस्पताल के सीनियर मेडिकल सुपरिटेंडेंट सुनील चांद ने कहा है कि जिस महिला की डिलीवरी हुई है उसकी पांचवी डिलीवरी थी, लेकिन महिला के पास अल्ट्रासाउंड या अन्य टेस्टों की कोई रिपोर्ट नहीं थी। स्टाफ ने महिला के पति को टेस्ट और अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहा था, लेकिन इसी दौरान महिला की डिलीवरी हो गई।
(सौ स्वराज सवेरा)