#MNN@24X7 वाराणसी।आध्यात्मिक नगरी काशी में गंगा में आई बाढ़ से विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की महाआरती 50 दिनों बाद रविवार को भव्य रूप से विधिवत पूजन-अर्चन के साथ शुरु हुई। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि बाढ़ के कारण घाट पर आरती सम्भव नही थी। इस दौरान एक अर्चक द्वारा गंगा सेवा निधि कार्यालय की छत पर आरती हो रही थी। अब घाट साफ होने के बाद रविवार को पहली बार सात अर्चकों द्वारा गंगा की आरती की गई। इस दौरान देश-विदेश से गंगा आरती देखने पहुंचे श्रद्धालुओं को भी सुखद अहसास हुआ।
आपको बता दें कि हर साल बाढ़ के दौरान काशी के घाटों का सम्पर्क टूट जाता है।घाटों की ऐसी संरचना है कि जब बाढ़ की स्थिति नही होती तब दुनिया भर के लोग काशी के 84 घाटों पर पैदल घूम सकते हैं।अब इधर कुछ नए घाट बन जाने से महामना और नमो घाट सूची में दर्ज हो गए हैं।जबकि आध्यात्मिक नगरी काशी 84 घाटों के नाम से ही जानी जाती है और इसका आध्यात्मिक महत्व भी है।बाढ़ से घाट पर आरती मुश्किल थी।ऐसे में परम्परा के तौर पर मां गंगा की आरती एक अर्चक से ही और वही भी मकान के छत पर सम्पन्न हो रही थी। इस दौरान दूर दराज से गंगा आरती देखने आने वाले श्रद्धालुओं को निराश होना पड़ता था।रविवार को जब घाट पर पूरे विधि विधान से सात अर्चकों के जरिए मां गंगा की आरती हुई तो दर्शक अविभूत हो गए।
(सौ स्वराज सवेरा)
10 Oct 2022