सिविल सर्जन ने हरी झंडी दिखाकर रैली को किया रवाना
#MNN@24X7 समस्तीपुर, 10 अक्टूबर। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल से स्वास्थ्य कर्मी और चिकित्सकों ने शहर में जागरूकता रैली निकाली। सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली अस्पताल से निकलकर शहर के मोहनपुर, कलेक्ट्रेट, एसडीओ कार्यालय होते हुए पुनः सदर अस्पताल लौट आयी ।
इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में लोग काम के बोझ के तले दबे हुए हैं, जिस कारण तनावग्रस्त रहते हैं। तनाव के कारण कई अन्य बीमारियां हो रही हैं। लोगों के जीवन पर खतरा बन रहा है। लोगों को चाहिए काम तो करें लेकिन तनाव मुक्त रहें।तनाव के कारण न सिर्फ हृदय पर असर पड़ता है बल्कि मनुष्य के पूरे शरीर पर इसका असर पड़ता। पेट दर्द, शरीर दर्द से लेकर सिर दर्द की समस्या बनी रहती है।तनाव से डायबिटीज होने का खतरा बना रहता है।
24×7 घंटे उपलब्ध है नि:शुल्क मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श की सुविधा:
आमजनों को मानसिक तनाव से दूर रखने व इससे बचाव के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 24×7 मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। टॉल फ्री नंबर-104 पर डायल कर मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श ले सकते हैं। इसके अलावा नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर परामर्श की सुविधा उपलब्ध है।
लाइफस्टाइल और मानसिक स्वास्थ्य का जोखिम:
सिविल सर्जन डॉ चौधरी ने बताया हमारी दिनचर्या की कई गड़बड़ आदतों के कारण भी मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर हो रहा है। लोगों में बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता, नींद की कमी की समस्या के कारण मानसिक स्वास्थ्य विकारों में उछाल देखा जा रहा है। लाइफस्टाइल के अलावा आनुवांशिक रूप से भी इसका जोखिम हो सकता है। बताया सभी लोगों को मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। यह वैश्विक स्तर पर बढ़ती गंभीर समस्याओं में से एक है। अगर हम दिनचर्या में कुछ बातों पर ध्यान दे दें तो मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के साथ इसके कारण होने वाली कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
अच्छी नींद लेना सभी के लिए आवश्यक–
पर्याप्त नींद न केवल शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। नींद की गुणवत्ता और अवधि को बेहतर रखकर तनाव-चिंता और अवसाद जैसे विकारों के जोखिम को कम किया जा सकता है। रात में 6-8 घंटे की निर्बाध नींद लेने वालों की तुलना में नींद विकारों या नींद न पूरी कर पाने वाले लोगों में कई प्रकार के मानसिक स्वास्थ्य विकारों का जोखिम अधिक पाया गया है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी उम्र के लोगों को अच्छी नींद प्राप्त करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बरतें सावधानी–
मोबाइल-टीवी, लैपटॉप या अन्य किसी भी प्रकार के स्क्रीन पर अधिक समय बिताने की आदत मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी को शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क और हार्मोन्स के सामान्य कार्यप्रणाली के लिए काफी नुकसानदायक पाया है। इसके अलावा विशेषज्ञ कहते हैं, सोशल मीडिया पर कम समय बिताने की कोशिश करें। सोशल मीडिया पर बढ़ रही नकारात्मकता आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बरतें सावधानी-
रोजाना बनाएं व्यायाम की आदत, नियमित योग-व्यायाम बहुत आवश्यक। व्यायाम आपके तनाव को दूर करने, मूड को बेहतर रखने, चीजों को बेहतर ढंग से करने और अच्छी नींद पाने में मदद करता है। . अवसाद और चिंता जैसे विकारों के लक्षण को कम करने में भी नियमित योग-व्यायाम की आदत विशेष लाभकारी मानी जाती है। प्राणायाम और मेडिटेशन जैसे योगाभ्यास मन को शांत करने, नकारात्मक विचारों को दूर करने और अवसाद के जोखिमों को कम करने में सहायक हो सकते हैं। दिनचर्या में योग-व्यायाम को शामिल करके मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की सेहत को बेहतर रखा जा सकता है।
जागरूकता रैली के मौके पर सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ गिरीश कुमार, डीपीसी आदित्यनाथ झा, डॉक्टर नागमणि राज आदि उपस्थित थे.