14 साल की स्वाति हत्या के खिलाफ भाकपा माले द्वारा उजियारपुर थाना के समक्ष आयोजित प्रदर्शन में शराब माफियाओं-अपराधियों को सामने लाने वाले थाना प्रभारी-डीएसपी,दलसिंहसराय पर कारवाई हो -सत्यदेव राम ।
स्वाति हत्या कांड में न्याय दिलाने तक संघर्ष जारी रहेगा – गोपाल रविदास।
हत्या -अपराध की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जरूरी है कि भाजपाई माइंड सेट के अधिकारियों को हटाया जाए – शशि यादव।
#MNN@24X7 समस्तीपुर, 15 अक्टूबर। भाकपा माले के विधानसभा में विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम, विधायक गोपाल रविदास, महिला संगठन एपवा के राज्य सचिव शशि यादव, फिरोज बेगम,जीवछ पासवान, फूलबाबू सिंह, महावीर पोद्दार, उपेन्द्र राय, प्रखंड सचिव गंगा प्रसाद पासवान समेत दर्जनों कार्यकर्ताओं ने गैंगरेप और हत्या के शिकार स्वाति के परिजनों एवं थियेटर में पीटपीट मार दिए गए 14 वर्षीय निशांत कुमार के परिजनों से मिलने के बाद जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक से मिलकर न्याय एवं उचित कारवाई करने की मांगों किया है।
उन्होंने कहा कि सातनपुर, उजियारपुर में 14 साल की बच्ची की हत्या होती है।हत्या के पूर्व उस लड़की की मां को घटना को अंजाम देने की सरेआम धमकी दी गयी थी।जिस दिन उक्त लड़की की मां अपने बीमार मां से मिलने ताजपुर गयी थी,उस रात घटना को अंजाम दिया गया।उस रात घर मे केवल लड़की का छोटा भाई जिसकी उम्र 9-10 साल का है,मौजूद था।ग्रामीणों और लाश को देखने वाले प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार करके मारकर घर में टांग दिया गया था।लड़की नंगी थी।उसकी मां का कहना था कि उसके मुंह में कपड़ा ठूंसा था।गर्दन सहित शरीर पर कई जगहों पर जख्म का निशान था।इसकी विस्तृत जांच (बलात्कार सहित) करने की जगह आनन फानन में पोस्टमॉर्टम करके लाश को जलाने को मजबूर किया गया।
उन्होंने कहा कि लाश का फोटो और बेसरा को सुरक्षित रखा गया कि नही,कोई नही जानता।मामले को दबाने के लिये आत्महत्या का मामला बनाने की कोशिश पुलिस के जरिये की गई जबकि मृतक के करकट के घर की ऊंचाई महज़ 6फीट का है।
जांच के दरम्यान डीएसपी के जरिये प्रेस को बताया गया कि हैंगिंग का मामला है जो जांच के नियमों के प्रतिकूल है।एक गरीब माइग्रेंट वर्कर की बेटी के साथ हुई इस जघन्य कांड के खिलाफ जनता में व्यापक आक्रोश था।भाकपा माले ने इसको लेकर अभियान चलाया क्योंकि इलाके में इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी थी।लोगों का कहना है कि यहां सेक्स रैकेट में लड़कियों को धकेलने का धंधा चलता है।विरोध को दबाने के लिये थाना ने इलाके के माफियाओं खासकर शराब माफियाओं को सामने लाया।8 अक्टूबर की शाम में नुक्कड़ सभा कर रहे माले नेता गंगा पासवान सहित अन्यनौजवानों पर हमला किया गया। लेकिन थाना और प्रशासन निष्क्रिय बना रहा।थाना प्रभारी ने थाना परिसर में जनप्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर जिसमें बड़े पैमाने पर शराब के अवैध धंधे में लगे लोग भी शामिल थे।इन्हें माले के प्रदर्शनकारियों से निपटने का कार्यभार दिया गया जिसकी जानकारी डीएसपी को थी।एसडीओ,दलसिंहसराय को भी तनावपूर्ण स्थिति की जानकारी दी गयी ।
और फिर 9 अक्टूबर को ऐसा दृश्य बनाया गया जैसा कभी नही हुआ था जो सम्पूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था और लोकतंत्र पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।लोकल दुकानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे को बन्द करने का मौखिक आदेश थाना ने जारी किया।थाना का कैमरा चालू था या नही इसकी पुष्टि तो जांच से हो सकती है।थाना को शराब माफियाओं,उपद्रवियों और बिना वर्दी के गुण्डों के हवाले कर दिया गया।सैकड़ों की संख्या में हरबे हथियार के साथ मास्क लगाए लोग इकट्ठे थे कि माले के प्रदर्शनकारियों पर हमला करना है।वायरल वीडियो से पूरी दुनिया ने इस दृश्य को देखा है।
बड़ी अनहोनी घट सकती थी।लेकिन माले के लोगों ने सेल्फ restrain दिखाते हुए थाना से 100 मीटर की दूरी पर सभा की।प्रदर्शन जब आया तो हमले की पूरी कोशिश हुई।यहां तक की पूर्व विधायिका और महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष मंजू प्रकाश के साथ दुर्व्यवहार किया गया।उपद्रवियों,शराब माफियाओं और अपराधियों की अगुवाई खुद थाना प्रभारी और डीएसपी कर रहे थे।घटना स्थल पर मौजूद पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका उल्लेखनीय थी उन्होंने हमला करने वालों को पीछे किया।इस तनावपूर्ण स्थिति की जानकारी आपको और जिलाधिकारी को दी गयी लेकिन कोई फोन नही उठा।लग रहा था कि सबकुछ मैनेज है।किसके इशारे पर यह सबकुछ मैनेज हुआ,यह जांच का विषय है।भाजपा नेताओं की इसमें अहम भूमिका थी,इसको भी प्रशासन ने संज्ञान में नही लिया।भाजपा को सामने लाकर भाकपा माले के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है जो 11 अक्टूबर को उजियारपुर प्रखंड के अंगार घाट में सामने आया।यहां भी भाकपा माले के धरना पर हमला बोला गया।पुलिस-प्रशासन का शराब माफियाओं-अपराधियों और जनता के लुटेरे गिरोह के साथ नापाक संश्रय बहुत ही चिंता की बात है।अगर इस पर सख्त कदम नही उठाया गया तो ज़िला के भीतर बढ़ते अपराध और बढ़ेंगे।अपराधियों को प्रशासन की ओर मिलते संरक्षण की वजह से जिला में अपराध का ग्राफ बढ़ा है।10 अक्टूबर को ही उसी उजियारपुर में एक बच्चा को मौत की घाट उतार दिया गया जिसके खिलाफ घण्टों एनएच जाम था।थाना प्रभारी और डीएसपी को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्होंने शासन करने के नैतिक प्राधिकार को खो दिया है।
उपरोक्त तथ्यों के आलोक में हम निम्नलिखित मांगों को आपके समक्ष रखते हैं जिसपर त्वरित कदम उठाया जाए-
1.शराब माफियाओं-अपराधियों को संरक्षण देने वाले दलसिंहसराय के डीएसपी और उजियारपुर के थाना प्रभारी पर तत्काल सख्त कार्रवाई हो!
2.उजियारपुर थाना रेप व हत्याकांड 309/22 की उच्चस्तरीय जांच हो और उस परिवार को प्रशासन सुरक्षा प्रदान करे क्योंकि नामजद अभियुक्त अपराधी है।
3.9 अक्टूबर को उजियारपुर थाना में और इर्द-गिर्द हरबे हथियार व मास्क पहने उपस्थित गैर कानूनी भीड़ की जांच उपलब्ध वीडियो केआधार पर हो और ऐसे लोगों की तत्काल गिरफ्तारी हो।दुकानों के सीसीटीवी को क्यों बन्द कराया गया और थाना का सीसीटीवी चालू था कि नही,इसकी जांच हो!
4.ज़िला में बलात्कार और हत्या(दुर्गा कुमारी) की जो भी घटनाएं सामने आई है,उसकी समग्र जांच हो और अपराधियों की गिरफ्तारी हो!उजियारपुर इलाके में सेक्स रैकेट और लड़की सप्लाई करने के गिरोह की जांच हो और ऐसे गिरोह के खिलाफ प्रशासन सख्त कदम उठाए।
5.हत्याकांडों के सभी मामले की जांच हो और अपराध की स्थिति पर जिला प्रशासन स्वेत पत्र प्रकाशित करे ।
6. उजियारपुर थाना कांड संख्या -333/022 में सैयदुल जफर अंसारी और उनके पुत्र सहित 19 लोगों को एन. एच. जाम में नामजद की गई मुकदमा वापस लेने और
7 . भाकपा माले की नेता एवं भगवानपुर कमला पंचायत की मुखिया पर बदले की कारवाई के तहत दर्ज किया गया झूठा मुकदमा वापस लेने की मांग किया है। प्रतिनिधि मंडल में उपर्युक्त नेताओं के अलावे पुर्व विधायक एवं महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष मंजू प्रकाश भी शामिल थे।